अवधनामा संवाददाता
घुरीटीकर गांव पंचायत को मिला लर्निग सेंटर का तोहफा
तारुन -अयोध्या। तारुन ब्लॉक की ग्राम पंचायत घुरीटीकर को पंचायत विभाग ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के अंतर्गत सात लाख रुपये की लागत से पंचायत भवन परिसर में बनने वाले लर्निंग सेंटर के तोफे से नवाजा है। जिसके लिए शासन की ओर से ग्राम पंचायत को मिलने वाली धनराशि भी उपलब्ध करा दी गयी हैं।
इसके पहले इस गांव पंचायत को अच्छे कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री पंचायत शसक्तीकरण पुरुस्कार से नवाजा जा चुका है।ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओमकार गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी विमलेश कुमारी गुप्ता गांव पंचायत के उन्मुखी विकास के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। खण्ड विकास अधिकारी रिशेष कुमार गुप्ता ने बताया कि ग्राम पंचायतो से चुनकर आने वाले पंचायत प्रतिनिधियो को इस लर्निंग सेंटर में उनके अधिकारों व कर्तव्यों का प्रशिक्षण देकर कानूनी बारीकियों से जागरूक किया जायेगा। जिसके लिए अब उन्हें दूर नही जाना पड़ेगा।इस लर्निग सेंटर पर पंचायतों को माडल पंचायत के रूप में विकसित करने पर काम किया जायेगा।जिससे बाहर से आने वाले लोगों के लिए एक्सपोजर विजिट स्थल के रूप में तैयार किया जा सके। इसके लिए यहां के पंचायत भवन व परिसर को अन्य संसाधनों से भी लैस किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पंचायत लर्निंग सेंटर में एक हाल का निर्माण होगा। जिसमे भवन निर्माण होने के बाद इसमें स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर सेट, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम आदि लगाये जाएंगे और भवन व परिसर को आकर्षक भी बनाया जायेगा।
इस गांव पंचायत को लर्निंग सेंटर के पहले मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सशक्तिकरण पुरुस्कार में 21 लाख रुपये के तोफे से पंचायत विभाग द्वारा नवाजा जा चुका हैं। इस समय पंचायत भवन का बाउंड्री वाल तथा पार्क का फौव्वारा निर्माणाधीन हैं जो सभी प्रकार की सुविधाओ से लैस होगा। ग्राम पंचायत में स्कूल व सामुदायिक शौचालय काफी अच्छे है। गांव पंचायत को लर्निग सेंटर का तोफा मिलने पर गांव के राम देव यादव,कुशलदेव तिवारी, श्याम दल यादव, संतोष कुमार दुबे,बृज किशोर कोरी, संतोष दुबे,दुर्गा शंकर निषाद व राम शंकर ने हर्ष व्यक्त किया है। ग्राम प्रधान मिथलेश कुमारी प्रधान संघ महिला बिंग की जिला उपाध्यक्ष भी है।
शासन द्वारा बनने वाले इस लर्निंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जन प्रतिनिधि बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे। विभाग चाहता है कि सभी पंचायतें मॉडल बने सकें। जिससे इनको एक्सपोजर विजिट में बाहर से आने वालों को दिखाया जा सके।