शाॅर्ट सर्किट से किसानों की गाढ़ी कमाई आग का बन रही निवाला

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अवधनामा संवाददाता(शकील अहमद)

किसानों के अरमानों पर जर्जर तारों की बिजली

कुशीनगर। पछुआ हवा चलने से किसानों की फसलों पर फिर से आफत के बादल मंडराने लगे हैं। क्योंकि खेतों के ऊपर से गुजरे ढीले और जर्जर तारों को समय रहते बिजली निगम ने ठीक नहीं कराया। इसका दुष्परिणाम अब किसानों के सामने आने लगा है। अभी तो शाॅर्ट सर्किट से खेतों में आग लगने की छिटपुट घटनाएं होती थीं, लेकिन पिछले सप्ताह सदर तहसील क्षेत्र में शाॅर्ट सर्किट से लगी आग में 35 किसानों की करीब 25 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। इसके अलावा दर्जनों किसानों का गेहूं जलकर खाक हो गया है। इससे किसानों में अपने फसल को लेकर चिंता बढ़ गई है।

पिछले सप्ताह पडरौना सदर तहसील क्षेत्र के पिपरासी गांव के पास हाईटेंशन लाइन में हुई शाॅर्ट सर्किट से किसानों की गाढ़ी कमाई आग का निवाला बन गई। इसके पहले 13 दिनों में जिले में बिजली का तार टूटने से निकली चिनगारी से आग लगने की पांच घटनाएं हुई हैं, जिससे कई बीघा फसल जलकर नष्ट हो गई।

तार टूटने से हुई आग लगने की घटनाएं

04 अप्रैल को फाजिलनगर क्षेत्र के सोनवल गांव के पास हाईटेंशन तार टूटने से गेहूं के खेत में आग लग गई थी। इससे करीब 15 कट्ठा गेहूं की फसल जल गई।

03 अप्रैल को नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के सेमरा गांव के पास गेहूं के एक खेत में बिजली का तार टूटने से आग लग गई थी। गांव के रमेश चौधरी की करीब आठ कट्ठा गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गई।

02 अप्रैल को दुदही क्षेत्र के नरहवा गांव के पास हाईटेंशन तार टूटने से गेहूं के एक खेत में आग पकड़ लिया। उसकी चपेट में आने से दस कट्ठा से अधिक गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गई थी।

29 मार्च को कप्तानगंज क्षेत्र के ग्राम सभा रामपुर बगहां के मठिया टोला के पास 11 हजार वोल्ट के तार से निकली चिनगारी से आग लग गई। इससे गांव के दो किसानों की करीब दो एकड़ गेहूं की फसल जल गई।

23 मार्च को तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के चंद्रौटा गांव में बिजली के तार में शाॅर्ट सर्किट से आग लग गई थी। आग की चपेट में आने से करीब एक एकड़ गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो गई थी।

जले पर नमक छिड़कने जैसी मुआवजा

एक ओर तार गिरने से किसानों की फसल राख में तब्दील हो रही है तो दूसरी ओर मुआवजे के नाम पर विभाग चुप्पी साधे हुए है। किसानों को फसल नुकसान के बाद मुआवजे के लिए अफसरों के दरवाजे का चक्कर काटना पड़ता है। पहले अवर अभियंता, फिर उपखंड अधिकारी और अग्निशमन अधिकारी पुष्टि करते हैं कि किसान के खेत में आग लगी है या नहीं। इसके बाद उप जिलाधिकारी और तहसीलदार की रिपोर्ट मांगी जाती है। फिर बिजल निगम दोनों रिपोर्ट के आधार पर किसान को मुआवजा का चेक दिया जाता है, वह भी जले पर नमक छिड़कने जैसी राशि होती है।

हवा की वजह से भी तार आपस में रगड़ने की वजह से टूटकर गिर जाते हैं। तार व खंभे बदलने के लिए शासन से जो भी स्वीकृति मिली है, उसे बहुत जल्द बदलवा दिया जाएगा।

राधेश्याम, अधीक्षण अभियंता विद्युत, कुशीनगर

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