अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर। गोमती मित्रों ने रविवार 9 अप्रैल को अपना साप्ताहिक श्रमदान बड़े ही उदास मन से शुरू किया।संरक्षक रतन कसौधन की धर्मपत्नी के असामयिक मृत्यु से सभी का मन दुखी था, व्यथित था लेकिन श्रमदान गोमती मित्रों का ऐसा धर्म और कर्म है जिसे वह हर परिस्थिति में निभाते हैं।कारण धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की गंदगी का सामना ना करना पड़े व असुविधा ना हो।प्रदेश अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह मदन ने उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया।सभी ने मां गोमती के तट पर 2 मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति व परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्राप्त हो इसके लिए प्रार्थना की।2 घंटे श्रमदान समाप्त करने के बाद सभी संरक्षक जी के निज निवास पहुंचकर उनकी धर्मपत्नी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और हथिया नाला स्थित वैकुंठधाम पर अंतिम संस्कार पूर्ण होने तक उपस्थित रहे।उक्त मौके पर मुख्य रूप से मदन सिंह, रमेश माहेश्वरी, राजेंद्र शर्मा, मुन्ना सोनी, राजेश पाठक, दिनकर सिंह, अजीत शर्मा, सेनजीत कसौधन दाऊ,रामेन्द्र प्रताप सिंह राणा, दीपक मोदनवाल, अनिल सिंह,अजय प्रताप सिंह,अजय वर्मा,सोनू सिंह,राकेश मिश्रा,अभय, तेजस्व पाण्डेय वासु,प्रद्धू, दीपू, प्रवेश आदि शामिल रहे।