अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृत संकल्प भाजपा सरकार के लिए रुदौली का सहकारी शीतगृह एक नमूना ही काफी है। जो सरकार के दावों की पोल खोल रहा है।
भेलसर-रुदौली मार्ग पर संजय गांधी शीतगृह रुदौली सहकारी क्रय विक्रय समिति रुदौली बाराबंकी का शिलान्यास तत्कालीन मण्डला आयुक्त फैजाबाद फरहत अली ने दिनांक 13 अक्तूबर 1980 को किया था उस समय समिति के अध्यक्ष शेख मु0 वशीरुद्दीन ,ठाकुर बल करन सिंह ,चौधरी अली मुहम्मद जैदी ,दान बहादुर , शिव दयाल गुप्त , शेर बहादुर सिंह ,जगदम्बा सिंह, राम सिंह रावत ,मरगूब अहमद खाँ सहित 14 सदस्य बनाए गए थे । सहकारी शीतगृह बनने मे लगभग 7 वर्ष लग गए । शीत गृह बनने के बाद तत्कालीन सहकारिता मंत्री उत्तर प्रदेश अरुण कुमार सिंह “मुन्ना” ने 12 फरवरी 1987 को कांग्रेस सांसद निर्मल खत्री व प्रशासक एहतराम अली “तम्मू मिया “की मौजूदगी मे किया गया था । कोल्ड स्टोर के पहले सचिव शिव सेवक तिवारी हुये थे । क्षेत्रीय किसानो का कहना है कि शीत गृह दो साल चलने के बाद तीसरे साल ही सहकारिता विभाग की लापरवाही के चलते बन्द हो गया व शीत गृह मे रखा किसानो का हजारो कुंतल आलू सड़ कर खराब हो गया था । उसको पुनः चालू कराने के वादे तो बहुत हुए लेकिन एक भी धरातल पर नहीं उतर सका । शीतगृह में लगा लाखो का सामान चोर उचक्के व नशेड़ियों ने पार कर दिया और शीतगृह खण्डहर बन कर रह गया। अब शीतगृह की भूमि पर लोनिवि ने अपना मिक्सर प्लांट लगा दिया है । पूरे परिसर में गिट्टी बालू व मौरंग के ढेर लगे हैं ।
तहसील क्षेत्र मे एक भी शीतगृह न होने से क्षेत्रीय किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं । किसानों को आलू भंडारण के 50 किमी अयोध्या व 60 किमी बाराबंकी जाना पड़ता है । जिसका भाड़ा ज्यादा होने के कारण किसान अपना आलू वहां नही ले जा पाते है।
आलू भंडारण की व्यवस्था न होने से किसान आलू की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं । अब यहां के किसान घरेलू उपयोग के लिए ही आलू की किसानी करते हैं । नकदी के रूप मे आलू की किसानी नहीं होती । रूदौली विधानसभा में लगभग 11 साल से भाजपा के विधायक राम चन्द्र यादव है व 6 साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया जबकि रूदौली में काफी पुरानी सब्जी मण्डी है यहां से व्यापारी सब्जी व फल खरीद कर दूर दूर तक ले जाते है जिससे सब्जी मण्डी विभाग को वर्ष में करोड़ो की आय होती है। क्षेत्रीय किसान व पूर्व प्रधान खैरनपुर भगौती लोधी ने बताया कि शीत गृह जब चला था तो आलू किसानों को काफी उम्मीद जगी कि आलू उत्पादन करने वाले किसानों के भाग्य अब जागेगा। हमने भी शीत गृह में दो साल अपना आलू रखा था लेकिन तीसरे साल शीत गृह पर ग्रहण लग गया और वह बन्द हो गया जिससे किसानों का कई हजार कुंतल आलू कोल्ड स्टोर में ही सड़कर खराब हो गया। किसान मायाराम,ने बताया कि कोल्ड स्टोर जब चालू हुआ था तब हमने भी 15 बोरा आलू रखा था लेकिन तीसरे साल समिति के कार्यकर्ताओं व सरकार की लापरवाही के चलते कोल्ड स्टोर चलते चलते बन्द हो गया जिससे जिससे हमारे जैसे सैकड़ो किसानों का आलू सड़ गया जिसका मुआवजा समिति ने दिया न सरकार ने। उन्होंने बताया किसान अब अपने जरूरत भर के लिए ही आलू की फसल बोता है शीतगृह दूर होने के कारण छोटे बड़े सभी किसानों का भाड़ा ज्यादा लगने के कारण किसान का मोह आलू की खेती से भंग हो गया है।