अवधनामा संवाददाता
कई देशों के राजदूत शामिल होंगे
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विशेष रूप से किया गया है आमंत्रित
अयोध्या। भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में मोदी योगी सरकार की विकास यात्रा निरंतर जारी है आज देश ही नहीं दुनियाभर की पर्यटक व श्रद्धालु अयोध्या की और खींचे चले आ रहे हैं आज अयोध्या दिन-ब-दिन बदल रही है अयोध्या विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है इसी क्रम में आज कारसेवकपुरम में मीडिया को संबोधित करते श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कार्यक्रम के संयोजक और दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन किया था तो दिल्ली के राम भक्त वह पूर्व विधायक विजय जौली ने यह संकल्प किया कि राम मंदिर का विश्व के सभी देशों के जल से अभिषेक किया जाए। कठिन प्रयास के बाद आगामी 23 अप्रैल को 155 देशों के जल वाले कलश को विजय जौली व उनसे जुड़े लोग रामलला को सौपेंगें। महामंत्री चंपत राय ने कहा कि मणिराम दास जी की छावनी सभागार में जल के कलशों का पूजन होगा। इस समारोह में आने वाले अतिथि जानकी महल ट्रस्ट में ठहरेंगे। रामजन्मभूमि पथ से पहुंच रामलला के दरबार में पहुंचेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में आने के लिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की स्वीकृति मिल चुकी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है लेकिन इस निकाय चुनाव के कारण उनके शामिल होने की संभावना कम है।
जल वाले कलश को देश के झंडे और उसके नाम को स्टिकर लिखा गया है
दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली ने कहा कि इस कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत शामिल होंगे। सभी देशों के जल वाले कलश को देश के झंडे और उसके नाम को स्टिकर लिखा गया है और केसरिया कलर को सजाया गया है। 155 देशों के जल कलश में सबसे ज्यादा मुश्किल पाकिस्तान रावी नदी के जल को लाने में हुई। उन्होंने कहा कि मुश्किलों के कारण इस जल को पहले पाक के हिंदुओं ने दुबई में भेजा फिर दुबई से दिल्ली लाया गया। सुरीनाम, चाइना यूक्रेन, रसिया आदि देश से भी पवित्र जल कलश लाए गए हैं। कजाकिस्तान, कनाडा, तिब्बत का पवित्र जल अयोध्या आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर एक लघु कार्यक्रम फिल्म दिखाई जाएगी। कार्यक्रम में भी विहिप के दिनेशचंद्र, संघ परिवार के रामलाल व इंद्रेश, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल हो रहे हैं कार्यक्रम में कई देशों के राजदूतों ने भी शामिल होने की स्वीकृति दे दी है।