पुनरीक्षित मूल्यांकन सूची के विरुद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल जनहित याचिका खारिज

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अवधनामा संवाददाता

मुख्य न्यायाधीश ने जनहित याचिका को योग्यता के आधार पर किया निरस्त
माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्णय को जनता ने सकारात्मक रूप में किया स्वीकार

ललितपुर। जनसामान्य के लिये सम्पत्ति का पंजीकरण सरलीकृत रूप से किये जाने हेतु जिलाधिकारी आलोक सिंह के द्वारा 01 दिसम्बर 2022 से जनपद ललितपुर के उप निबंधक कार्यालयों के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आने वाली तहसील ललितपुर सदर, महरौनी, तालबेहट, मडावरा, पाली की मूल्यांकन सूची का पुनरीक्षण करते हुये, जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा जनपद में पुनरीक्षित मूल्यांकन सूची को प्रभावी कर दिया गया था, जिससे जिले की जनता में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला व जनसामान्य ने बिना किसी दुविधा के अपने बैनामों का पंजीकरण कराया। जिलाधिकारी आलोक सिंह के उक्त निर्णय से जनपद की जनता को अनावश्यक मुकदमेंबाजी से राहत मिली, साथ ही राजस्व में भी वृद्धि हुई है। उक्त मूल्यांकन सूची को निरस्त कराए जाने हेतु मुन्ना लाल जैन एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका 328/2023 मुन्नालाल बनाम स्टेट ऑफ यूपी व अन्य दाखिल की गई थी, इस संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यानाधीश ने उक्त जनहित याचिका को योग्यता के आधार पर 22 मार्च 2023 को बर्खास्त कर दिया है। उक्त के संदर्भ में बताया गया कि इस प्रकार की जनहित याचिकाएं बिना किसी तथ्य के एवं आम जनता को परेशान करने के लिए दायर की जाती हैं, जिससे निर्णय आने तक व्यक्तियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के उक्त निर्णय को जिले की जनता ने सकारात्मक रूप में स्वीकार किया है।

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