पीएम मोदी ने मन की बात में किया सबसे कम उम्र की डोनर का जिक्र

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पीएम मोदी ने मन की बात में नारी शक्ति को सराहा, बोले- भारत के विकास में है महिलाओं की अहम भूमिका

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी 26 मार्च को मन की बात के 99वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नारी शक्ति को सराहा। पीएम मोदी ने नारी शक्ति, सौराष्ट्र तमिल संगमम और सियाचीन में तैनात पहली महिला कैप्टन शिवा चौहान का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरुक किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 तक हमारे देश में करीब पांच हजार अंगदान के मामले सामने आते थे। लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 15 हजार के पार हो चुकी है। पीएम मोदी ने कहा कि अंगदान करने वाले हर एक व्यक्ति और परिवार ने बहुत पुण्य का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आपने सोशल मीडिया पर, एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव जी को जरुर देखा होगा। सुरेखा जी, एक और कीर्तिमान बनाते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस की भी …पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं।
वहीं पीएम ने नारी शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि देश ने एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की साइंटिस्ट ज्योतिर्मयी मोहंती की भी तारीफ की और बताया कि उन्हें रसायन और रसायन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आईयूपीएसी का विशेष अवार्ड मिला है।
सरकार ने अंगदान के लिए 65 वर्ष से कम आयु की आयु-सीमा को भी खत्म करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने लोगों से आग्रह किया है कि ऑर्गन डोनर ज्यादा से ज्यादा संख्या में आए और जिंदगी बचाए।
इसमें व्यक्ति जिंदा रहने के ही दौरान अपने शरीर के कुछ अंगों को दान करता है। मृत्य अंगदान के मुताबिक, मौत के बाद अंग का दान करना। इसमें आँख,किडनी,लीवर,फेफड़ा,ह्रदय,पैंक्रियाज और आंत का अंगदान किया जा सकता है। अंगदान करने की उम्र सीमा भी होती है, जिसके मुताबिक, 18 साल का कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थ है, अंगदान कर सकता है।
किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग दान करना अंगदान कहलाता है। यह अंग किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसके लिए डोनर के शरीर से दान किए गए अंग को ऑपरेशन के द्वारा निकाला जाता है।
पीएम ने नारी शक्ति की प्रशंसा की
पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण की सरहाना करते हुए कहा कि आज, भारत का जो सामथ्र्य नए सिरे से निखरकर सामने आ रहा है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका हमारी नारी शक्ति की है।
नगालैंड में हुई नई शुरूआत
पीएम ने मन की बात एपिसोड में यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में भारत की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने टी-20 वल्र्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था।
नगालैंड में 75 साल में पहली बार दो महिला विधायक अपनी जीत के साथ विधानसभा पहुंची हैं। उनमें से एक को नगालैंड सरकार में मंत्री भी बनाया गया है।
अंग दान करें, जीवन बचाएं
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में परमार्थ को इतना ऊपर रखा गया है कि दूसरों के सुख के लिए, लोग, अपना सर्वस्व दान देने में भी संकोच नहीं करते। हमें बचपन से शिवि और दधीचि जैसे देह-दानियों की गाथाएँ सुनाई जाती हैं। मेडिकल साइंस के इस दौर में अंग दान, किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है।
पीएम मोदी ने कहा, जो लोग, अंगदान का इंतजार करते हैं, वो जानते हैं, कि, इंतजार का एक-एक पल गुजरना, कितना मुश्किल होता है। ऐसे में जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है, तो उसमें, ईश्वर का स्वरूप ही नजर आता है।
सरकार अंगदान को लेकर चला रही पॉलिसी
पीएम मोदी ने मन की बात में बताया कि अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में एक जैसी पॉलिसी पर काम किया जा रहा है। राज्यों के डोमिसाइल की शर्त को हटाने का निर्णय भी लिया गया है। इसका मतलब है कि देश के किसी राज्य में जाकर मरीज अंग प्राप्त करने के लिए रजिस्टर करवा सकता है।
किन अंगों को किया जा सकता है दान?
शरीर के अंगों के अलावा ऊतकों को भी दान कर सकते हैं। शरीर के अंगों में यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े और आंत का दान किया जाता है। वहीं, शरीर के ऊतकों में कॉर्निया (आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा और कुछ अन्य ऊतकों को भी दान कर सकते है।
कैसे होता है अंगदान?
अंग दो प्रकार से किए जाते है। पहला- जीवित अंगदान और दूसरा मृत्य अंगदान। जीवित अंगदान के मुताबिक, जो लोग अपना अंग दान करना चाहते है, वह एक वसीयत बनाते है, जिसमें लिखा होता है कि उनकी मौत के तुरंत बाद उनके शरीर का कौन-कौन सा हिस्सा दान किया जाए।
39 दिन की बच्ची ने किया अंगदान
मन की बात में पीएम मोदी ने उस माता-पिता से बात कि जिनकी बच्ची 6 महीने के आस-पास ही गुजर गई थी। बच्ची के माता-पिता ने उसके अंगदान करने का फैसला किया। पिता सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर ने पीएम मोदी को बताया कि इनकी बच्ची का अंग किसी के काम आ जाता है तो ये भले का काम होगा। हमें गर्व महसूस हुआ क्योंकि हमारी बेटी भारत की सबसे कम उम्र की डोनर बनीं है।

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