अवधनामा संवाददाता
एसीसी सीमेंट अडानी का है, पैसे के दम पर वर्चस्व, पौने दाम पर जमीनें खरीदी जा रही है। विकास शाक्य अधिवक्ता
सोनभद्र/ब्यूरो सोनभद्र के जल जंगल और जमीनों के ऊपर पूँजीपत्तियो का कब्जा हो रहा है आदिवासियों को उजाड़ा जा रहा है और फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं। निर्माणाधीन एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के अंदर प्राकृतिक जल स्रोतों एवं जलाशय के अस्तित्व को समाप्त करने के मामले में एनजीटी में याचिका प्रस्तुत करने के बाद स्थानीय लोगों से अपनी-अपनी क्षतिपूर्ति का दावा अदालत में पेश करने के लिए कानूनी जानकारी देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने ग्रामीणों के साथ चौपाल कार्यक्रम मे कही।
श्री चौबे ने बताया कि 13 फरवरी को ही विकास शाक्य एडवोकेट की याचिका पर एनजीटी में एसीसी सीमेंट सलाई बनवा के निर्माणाधीन फैक्ट्री द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों एवं जलाशय के अस्तित्व को समाप्त कर दिए जाने का प्रस्तुत याचिका पर जिलाधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एवं जल शक्ति मंत्रालय से अधिकृत अधिकारियों की संयुक्त जांच कमेटी बनाकर भौतिक सत्यापन आख्या 17 मई के पूर्व मांगा गया है परंतु आज तक इस मामले में कमेटी ने याचिकाकर्ता को संज्ञानित नहीं किया जल स्रोत नाले,जलाशय पर स्थानीय लोगों एवं पशुपालकों की निर्भरता के साथ-साथ औषधीय गुणों वाले वनस्पतियों की उपस्थिति थी परंतु उनके वजूद को नष्ट कर दिया गया इसलिए स्थानीय लोगों को यह अधिकार है कि एनजीटी की याचिका में अपने-अपने क्षतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत करें इस कानूनी लड़ाई में स्थानीय लोगों की निशुल्क मदद की जाएगी।
चौपाल कार्यक्रम मे विकाश शाक्य ने बताया कि एसीसी सीमेंट अडानी का है और जिस तरह से सोनभद्र में एक के बाद एक बड़े और नामचीन उद्योगपति स्थानीय प्रशासन की मदद से जमीनों का मूल्यांकन कम करा कर आने पौने दाम पर जमीनें खरीदी जा रही है वह भी एक गंभीर विषय है।उद्योगपतियों को कानून के विपरीत प्रोत्साहन एवं गरीब दलित आदिवासियों पर फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं।सोनभद्र जनपद आर्थिक अपराध का हब बनता जा रहा है हर कोई पैसे के दम पर वर्चस्व स्थापित करना चाहता हैं और यहां के स्थानीय दलित आदिवासी समाज सबसे ज्यादा प्रभावित है।
अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उनके हक और अधिकार की लड़ाई व कानूनी पक्ष सर्वोच्च न्यायालय से लेकर के विभिन्न फोरम पर लड़ने की बात कही है। एसीसी सीमेंट सलाईबनवा रेलवे स्टेशन के सामने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ बैठकर जन चौपाल लगाई और ग्रामीणों की समस्या को सुनी और एसीसी सीमेंट फैक्ट्री से प्रभावित लोगों की क्षतिपूर्ति दावा पेश करने पर कानूनी मदद करने का भरोसा दिलाया।
इस दौरान विकास शाक्य, महफूज पठान, ऋतिशा गोड, राजनंदनी, भगत देवी, काजल, ओमप्रकाश यादव, शकुंतला, तैलवेती, विमली, फागो, रीता देवी, राधेश्याम, बलदेव, शोहराझायक, प्रभावती देवी, संगीता, राधेश्याम, फूलवती, विजय, काजल, शिवलखन शामिल रहे।