जैविक खेती और निर्यात पर राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियां किसानों की आय बढ़ाने में करेंगी मदद: अमित शाह

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जूनागढ़ (गुजरात)। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह गुजरात के जूनागढ़ में हैं। इस दौरान उन्होंने रविवार को कहा कि जैविक उत्पादों और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियां किसानों की आय को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगी।
अमित शाह यहां कृषि उपज बाजार समिति किसान भवन का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे उनकी आय बढ़ेगी। साथ ही मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान से भी बचाया जा सकेगा, जो रासायनिक उर्वरकों के कारण होता है।
उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी साहब ने जो काम शुरू किया है, वह अगले 10 साल में हर किसान की आय को दोगुना ही नहीं बल्कि कई गुना बढ़ा देगा। निर्यात और जैविक उत्पादों के लिए केवल दो सहकारी समितियां किसानों की आय को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगी।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट में तीन बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना का अहम फैसला किया, जिनमें से दो राज्य के किसानों के लिए ये फैसला बहुत उपयोगी है। अमित शाह ने कहा कि किसानों से खरीदे गए जैविक उत्पादों के मुनाफे को सीधे किसानों को हस्तांतरित किया जाएगा।
एक अन्य सहकारी समिति किसानों को देश के किसी भी गांव से उनकी उपज निर्यात करने में मदद करेगी और लाभ सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित होगा।
शाह ने कहा कि इसके लिए मैं आने वाले महीने में गुजरात में जिला सहकारी बैंकों और एपीएमसी के अध्यक्ष से मिलूंगा और उन्हें सहकारी समितियों में पंजीकृत करवाऊंगा। इससे किसान समृद्ध होंगे। उन्होंने यहां जूनागढ़ जिला सहकारी बैंक भवन का शिलान्यास भी किया।
कैबिनेट ने इस साल जनवरी में नेशनल एक्सपोर्ट सोसाइटी, नेशनल कोऑपरेटिव फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और नेशनल लेवल मल्टी-स्टेट सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी दी थी।
मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए आने वाले पांच सालों में प्रत्येक जिले में भूमि और प्राकृतिक कृषि उत्पादों के परीक्षण की व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की प्रत्येक पंचायत में एक सहकारी समिति स्थापित करने का भी निर्णय लिया है, जो केंद्र की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता से किसानों को फायदा होता है। केंद्र सरकार का बजट आप (किसानों) तक नहीं पहुंचता है क्योंकि सहकारी ढांचा ठीक नहीं है। सहकारिता का ढांचा मजबूत होगा तो केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं आप तक पहुंचने लगेंगी।
शाह ने कहा कि यूरिया के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल से खेती की जमीन खराब हो गई है और लाखों किसान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमें प्राकृतिक खेती की ओर तेजी से बढऩा होगा और दुनिया को रास्ता दिखाना होगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर यह सिद्ध हो चुका है कि प्राकृतिक खेती से उपज घटती नहीं बल्कि बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि बेहतर कीमत पाने के लिए ऐसी उपज की मार्केटिंग और सर्टिफिकेशन की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करना है कि नकली जैविक उत्पाद बाजार में न आएं, उन्होंने कहा कि अमूल ने पहले ही ऐसे उत्पादों की मार्केटिंग करना शुरू कर दिया है।

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