राजयोगिनी हृदय मोहिनी दादी को पुण्यतिथि पर अर्पित किए गए पुष्प

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अवधनामा संवाददाता

सीतापुर। राजयोगिनी हृदय मोहिनी दादी के पुण्यतिथि पर पुष्पमाला अर्पित करते हुए बरई जलालपुर कसमंडा स्टेट कमलापुर सीतापुर के भ्राता राजा कुंवर दिनकर प्रताप सिंह परमात्मा की संदेशवाहक अजय योगिनी दादी हृदय मोहिनी वर्ष 1928 में कराची में जन्म हुआ था। 8 वर्ष की उम्र में हुई अनुभूति विश्व के कई देशों में जाकर आध्यात्मिकता का संदेश दिया। 14 साल तक हैदराबाद में संस्था के सानिध्य में रहकर कठिन साधना की। 18 जनवरी 1969 को पिता श्री ब्रह्मा बाबा के निधन के बाद बनी परमात्मा दूध शांत गंभीर ऑर्गन व्यक्तित्व की प्रतिमूर्ति सादगी सरलता और सौम्यता की मिसाल थी। दादी जी को नार्थ ओड़िशा विश्वविद्यालय बारीपाड़ा ने डॉक्टर आफ लिटरेचर की उपाधि से विभूषित किया। दादी जी हमेशा 03 बजे ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाती थी। इसके साथ ही उनकी दिनचर्या की शुरुआत साधना के साथ होती थी। यहां तक की चलते फिरते हैं। खाते पीते ईश्वर के ध्यान में मगन रहती थी। 1200000 भाई-बहन और 46000 बहनों की थी। आदर्श 140 देशों में योग साधना से टी श्रद्धांजलि बीके योगेश्वरी दीदी बीके ज्ञानू बहन बीके शालिग्राम भाई बीके शिवराम भाई बीके सत्रुघन भाई बीके आरती बहन बीके पूजा पूजा बहन तथा अन्य सैकड़ों भाई बहन उपस्थित थे। भावभीनी श्रद्धांजलि दी एवम् सभी भाई बहनों को प्रसाद भी वितरित किया गया।

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