अवधनामा संवाददाता
रोग से बचने और इलाज में लापरवाही न करने का दिया सुझाव
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किया जा रहा जागरूक
बांदा। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयास कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। इसीक्रम में हथौरा स्थित दारुल उमूल मदरसा जामिया अरबिया में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य टीम द्वारा छात्रों (तलबा) को जागरूक किया गया।
एसटीएस अशरफ हयात ने कहा किजिला अधिकारी दीपा रंजन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने क्षय यानी टीबी बीमारी के प्रसार और बचाव के बारें में विस्तृत रूप से मदरसा के बच्चों को बताया। कहा कि टीबी होने पर डाट्स का इलाज करें एवं बीच में दवा न छोंड़े। खांसते समय और छीकते वक्त मुंह पर कपड़ा रखें। दवाएं खाना खाने के बाद खाएं। एचआइवी की जांच कराएं, यह जांच सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हैं। टीबी रोगी इधर-उधर न थूकें, दो सप्ताह से खांसी आने पर नजरअंदाज न करें। टीबी के रोगी को परिवार से अलग न करें। टीबी का इलाज लेते समय ध्रूमपान, तंबाकू, शराब आदि नशीले पदार्थ का सेवन न करें। दवा बिना डाक्टर की सलाह के न बंद करें। याद रखें कि अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है तो लापरवाही न बरतें, तुरंत जांच कराएं।
मदरसा संचालक कारी मोहम्मद नजीब आसमी ने कहा कि टीबी के लक्षण के बारे में सभी को जानकारी रखनी चाहिए। दो सप्ताह या इससे अधिक समय से खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम के समय हल्का बुखार आना, वजन का कम होना और भूख न लगना आदि क्षय रोग के लक्षण होते हैं।
इस मौक पर स्वास्थ्य विभाग के इंद्र कुमार साहू, गुलाम हसनैन, अनिल यादव सहित मदरसे के छात्र उपस्थित रहे।
हाफिज का कोर्स कर रहे अल्तमश हुसैन ने बताया कि उन्हें टीबी रोग के बारे में कुछ ज्यादा मालूमात नहीं थी। लेकिन अब वह इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में समझ गए हैं। अपने आसपास ऐसे लक्षण वाले लोग दिखेंगे तो उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच कराने के लिए प्रेरित करेंगे।