तुर्की। तुर्कीये में आए भूकंप के एक हफ्ते बाद बचावकर्मियों ने सोमवार को एक ढह चुकी इमारत के मलबे से एक महिला को जीवित निकाला। ब्रॉडकास्टर सीएनएन तुर्क ने रिपोर्ट में कहा कि 40 साल की सिबेल काया को दक्षिणी गजियांटेप प्रांत में बचाया गया था। इस क्षेत्र में पहले दो भूकंपों के लगभग 170 घंटे बाद महिला को जिंदा बचा लेना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि तुर्कीये और सीरिया में आए एक बड़े भूकंप के एक हफ्ते बाद 33,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। मृतकों की संख्या अभी और भी बढ़ने का अनुमान है। भूकंप की वजह से तुर्कीये में 29,605 और सीरिया में 3,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जहां दो दिनों से आंकड़े अपडेट नहीं किए गए हैं। तुर्कीये ने कहा कि रविवार को लगभग 80,000 लोग अस्पताल में भर्ती थे और 10 लाख से अधिक लोग अस्थायी कैंप में रह रहे थे।
कहारनमारस में बचावकर्मियों ने एक इमारत के खंडहर में तीन जीवित बचे लोगों से भी संपर्क किया था, जिनके बारे में माना जाता है कि वे एक मां, बेटी और बच्चे थे। संभावना है कि अधिक दूरस्थ इलाकों में भी अधिक लोग जीवित बचे होंगे। साल 1939 के बाद से तुर्कीये में आया यह सबसे घातक भूकंप था। पाकिस्तान में 2005 के भूकंप के बाद भूकंप तुर्कीये का भूकंप इस सदी की छठी सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है। पाकिस्तान में उस वक्त कम से कम 73,000 लोगों की मौत हुई थी।
रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने कहा कि रविवार को रूस, किर्गिस्तान और बेलारूस की बचाव टीमों ने भूकंप के करीब 160 घंटे बाद तुर्कीये में एक ढही हुई इमारत से एक व्यक्ति को जिंदा निकाला। मंत्रालय ने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मलबे से आदमी को निकालने का बचाव कार्य चार घंटे से अधिक समय तक चला।’ पहले से ढ़ह चुकी इमारत के बिखर जाने के खतरे के बीच जान को जोखिम में डालकर रात में बचाव कार्य को अंजाम दिया गया।
दक्षिणी तुर्कीये में सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में से एक अंताक्या के एक केंद्रीय जिले में व्यापार मालिकों ने माल के चोरी होने या लुटने से रोकने के लिए रविवार को अपनी दुकानें खाली कर दीं। अन्य शहरों से आए निवासियों और सहायता कर्मियों ने सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि व्यवसायों और ढह गए घरों को बड़े पैमाने पर लूट लिया गया था। तुर्कीये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा है कि सरकार लुटेरों से सख्ती से निपटेगी।