अवधनामा संवाददाता
खड्डा, कुशीनगर। नेबुआ नौरंगिया बीआरसी कार्यालय में हुई बैठक में शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष ने एक बार फिर से अपने हक की लड़ाई के लिए लखनऊ 20 फरवरी को होने वाले सम्मेलन में जाने के लिए रणनीति तैयार की है।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की हुई बैठक में जिलाध्यक्ष कैलाश जायसवाल ने कहा कि बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व से ही शिक्षामित्र परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के रीढ़ बने हुये है। विद्यालय में विभिन्न कारणों से बच्चों का नामांकन के लक्ष्य पूरे नही और उनकी ठहराव सुनिश्चित नही हो पाई थी तो उन बच्चों को शिक्षामित्रों ने विद्यालयों में कन्धा से कन्धा मिलाकर जोड़ने का कार्य किया। प्राथमिक में शिक्षामित्रों ने सदैव शिक्षक की भूमिका निभाते रहे। वे अपने शिष्यों को शैक्षिक समझ प्रदान करना हो या खेल, मनोरंजन सभी गतिविधियों में सक्षम बनाये। समग्र विकास में वे मददगार रहे। सरकार को अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार लागू होने से पूर्व के कार्यरत शिक्षामित्रों पर ऐसा कानून लागू नही करना चाहिए। वे नियमतः छुट के दायरे में आते है। फिर भी आज सरकार उन्हें दरदर को ठोकर खाने को मजबूर कर दिया है। आज संगठन की एकता से ही हमें कुछ हासिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को लखनऊ के रमाबाई पार्क में आयोजित शिक्षामित्र सम्मेलन को सफल बनाने हेतू अपने सपरिवार के लोगो के साथ अधिक से अधिक संख्या में लखनऊ जरूर पहुचे। सम्मेलन जरूर सफलता दिलाएगी। इस दौरान बैठक में शिक्षामित्र संघ के ब्लाक अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, प्रवीण मिश्रा, सुनील सिंह, रामप्रवेश, राकेश चौहान, रामचन्द्र प्रसाद, नियाज अहमद, ओंकारनाथ, मिथिला सरण द्विवेदी, सरद पांडेय, सुदामा प्रसाद, सीमा पाण्डेय, पुष्पलता त्रिपाठी, श्यामबदन, हरिओम सहित ब्लाक के सभी शिक्षामित्र मौजूद रहे।