सन 1980-88 मे होने वाले युद्ध का हवाला देते हुये ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रूम्प तेहरान के खिलाफ लड़ाई मे एक बार फिर नाकाम होंगे जिस तरह सद्दाम हुसैन हुये थे.
रविवार को अपने बयान में उन्होने कहा कि अमरीका एक बार फिर अपने नापाक मनसून में विफल होगा जैसा कि सद्दाम हुसैन हुये थे. राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि “ईरान अपने रक्षा हथियारो को तयार करना बंद नहीं करेगा जिसमे बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम भी शामिल है और अमरीका इससे और क्रोधित होगा.”
रूहानी के इस बयान से एक दिन पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ़ ने अपने बयान मे कहा था कि अमरीकी प्रशासन दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है. जावेद जरीफ़ का कहना था कि “मध्य पूर्व और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा-शांति के लिए अमरीकी प्रशासन सबसे घटक सिद्ध हो सकता है. अमरीका को भी अब एक साधारण देश की तरह ही रहना चाहिए.”
आपको बता दे कि ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकालने के बाद अमरीका और तेहरान के राजनयिक संबंध मे कटाक्ष बढ़ते जा रहे है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रूम्प साल 2015 में होने वाले इस परमाणु समझौते को ये कह कर केएचटीएम केआर दिया था कि यह सदी का सबसे निकृष्टतम सम्झौता था.