उच्च रक्तचाप से पनपती कई जटिलताएं

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अवधनामा संवाददाता

हाइपरटेंशन है एक गंभीर समस्या : सीएमओ

ललितपुर। अमूमन 40 से 50 वर्ष की आयु में होने वाली समस्या अब युवाओं में भी देखी जा रही है। प्रतिदिन ओपीडी 15 से 20 मरीज ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप), डायबिटीज, हृदय सम्बन्धी समस्याओं के आते हैं। यह जानकारी जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डा.पवन सूद ने दी। उन्होंने बताया कि आज के समय में सभी की जीवन शैली दिन प्रतिदिन बदल रही है। एक ओर जहाँ सही खानपान नहीं है, वहीं दूसरी ओर बढ़ता तनाव, आक्रोश उच्च रक्तचाप के प्रमुख कारणों में से एक है। गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डा.अमित तिवारी बताते हैं कि जनपद में उच्च रक्तचाप का प्रसार 29 प्रतिशत हैं, यानि कुल वयस्क आबादी के 29 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहें हैं। वह बताते हैं कि उच्चरक्तचाप एक साइलेंट किलर है, इसके लक्षण देर से उभर कर आते हैं।लेकिन इसकी वजह लकवा, दिल का दौरा, रक्तवाहनियों के कठोर होने जैसे गम्भीर रोग हो सकते हैं। इण्डिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव प्रोग्राम (आईएचसीआई) के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि अक्टूबर 2021 में नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कण्ट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस एंड स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) के अंतर्गत इंडिया हाइपरटेंशन कण्ट्रोल इनिसिएटिव(आईएचसीआई) कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, जिसमें अभी तक हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से ग्रसित 3796 मरीजों का उपचार किया गया हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की स्क्रींनिंग कर चिन्हित मरीजों को नियमित दवा दी जाती है साथ ही उनका फॉलो अप किया जाता है।
जनपद का आंकड़ा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5(एनएफएचएस-5) वर्ष 2019-2021 के अनुसार जनपद में 17.2 प्रतिशत महिलाएं व 17.9 प्रतिशत पुरुष हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। वही, यूपी में 18.4 प्रतिशत महिलाएं व 21.7 प्रतिशत पुरुष हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं।
ऐसे करें बचाव
कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना बताते हैं कि खाने में नमक कम ले, वजन नियंत्रित रखें, मादक पदार्थों का सेवन न करे, योग, प्राणायाम और व्यायाम को नियमित रूप से करें।
इनका कहना है
उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है,दिनचर्या में परिवर्तन, संतुलित खानपान एवं तनाव कम कर उच्च रक्तचाप से होने वाले खतरों को टाला जा सकता है।
डा.जे एस बक्शी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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