श्नीदर इलेक्ट्रिक कंपनी, लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ का उद्देश्य 2023 में दिसंबर के अंत तक फैक्ट्री शुरू करना है।
यह अत्याधुनिक प्लांट पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगा और ग्रीन फैसिलिटी के रूप में आईजीबीसी से सर्टिफाईड होगा।
यहाँ लुमिनस टेक्नॉलॉजीज़ द्वारा सोलर पैनल का उत्पादन किया जाएगा, जिससे भारत में रिन्यूएबल्स पर इसका फोकस मजबूत बनेगा
समारोह में मौजूद सरकारी अधिकारियों में श्री पारितोष सिंह, एसडीएम, रुद्रपुर; श्री मनीष बिश्त, डिप्टी कलेक्टर, रुद्रपुर; श्री पंकज कुमार, एसएचओ, रुद्रपुर शामिल हैं
नई दिल्ली: पॉवर सॉल्यूशंस बिज़नेस में इनोवेशन लीडर, लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ ने आज उत्तराखंड में अपने नए व आधुनिक सोलर पैनल मैनुफैक्चरिंग प्लांट की घोषणा की। औद्योगिक शहर, रुद्रपुर में स्थित इस आधुनिक प्लांट में आवासीय व कमर्शियल उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता के सोलर पैनल्स का डिज़ाईन व उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी मौजूद होगी। यह नया मैनुफैक्चरिंग प्लांट कंपनी के सोलर पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इस साल के अंत तक पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा।
लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ देश में रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज के क्षेत्र में लीडर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऑपरेशनल होने के बाद यह सुविधा 4.5 लाख वर्गफीट/10एकड़ के क्षेत्र में फैली होगी और यहाँ 500 मेगावॉट प्रतिवर्ष की सोलर उत्पादन क्षमता होगी, जिसे 1 गीगावॉट तक बढ़ाया जा सकेगा। यहाँ पर 40 वॉट से लेकर 600 वॉट का पॉवर आउटपुट देने वाले सोलर पैनल्स का उत्पादन किया जाएगा। इस फैक्ट्री की शुरुआत के साथ लुमिनस सोलर पैनल में अपनी पहली सुविधा की स्थापना कर रहा है। भारत में सोलर एनर्जी उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ को समर्थ बनाते हुए यह प्रोजेक्ट उपभोक्ताओं को ऊर्जा की सुरक्षा, ऊर्जा की समानता, और ऊर्जा की सस्टेनेबिलिटी प्रदान करने की कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उत्पादन बढ़ने के साथ लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ को भारत में अपने रिटेल ऑपरेशंस को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।
इस अवसर पर प्रीति बजाज, सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ ने कहा, ‘‘हम भारत में अपनी पहली सोलर पैनल सुविधा की स्थापना रुद्रपुर में करने की घोषणा करने के लिए उत्साहित हैं। यह एक स्वच्छ व ज्यादा सस्टेनेबल भविष्य की ओर लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ के सफर में एक बड़ा कदम है और साल 2070 तक नेट जीरो बनने के माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्देश्य के अनुरूप है। 10 एकड़ में फैली यह पूरी तरह से ऑटोमेटेड और अत्याधुनिक सुविधा ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस में नई व इनोवेटिव टेक्नॉलॉजी में निवेश करने के हमारे प्रयासों को प्रदर्शित करती है। यह देश में स्थानीय मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप है। यह प्लांट न केवल भारत में रिन्यूएबल ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमें अपने सोलर पोर्टफोलियो का विस्तार करने में समर्थ बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड के आर्थिक विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करेगा।’’
राजीव गंजू, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सप्लाई चेन, लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ ने कहा, ‘‘इस प्लांट को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा ग्रीन फैसिलिटी के रूप में सर्टिफाई किया गया है। यह कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्सर्जन में हर साल 70 मिलियन टन से ज्यादा कमी लेकर आएगा। यह सोलर पैनल सुविधा पूरी तरह से रोबोटिक है और यहाँ पर 100 प्रतिशत बिजली सोलर ऊर्जा से बनाई जाएगी। निर्माण की प्रक्रियाएं सस्टेनेबल रहें, इसलिए यह सुविधा सभी निर्माण मानकों का पालन करती है। यहाँ पर एक इन-हाउस एसटीपी है और फैक्टरी में निर्मित अवशेष शून्य हैं और शून्य वाटर डिस्चार्ज होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह नई सुविधा कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और सस्टेनेबल एनर्जी को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता की ओर एक बड़ा कदम है। इस सुविधा की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1 करोड़ पेड़ लगाने के कार्बन प्रभाव के बराबर होगी, जिससे कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्सर्जन में कमी लाने में बड़ा योगदान मिलेगा।’’
लुमिनस पॉवर टेक्नॉलॉजीज़ भारत में स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इनोवेटिव एवं सस्टेनेबल ऊर्जा समाधान प्रदान करता है। कंपनी के पोर्टफोलियो में बड़ी संख्या में सोलर उत्पाद जैसे सोलर पैनल, इन्वर्टर, और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम शामिल हैं।
साल 2021 में रिन्यूएबल एनर्जी कंट्री एट्रैक्टिव इंडेक्स में भारत तीसरे स्थान पर रहा और यह दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करने वाला देश है। रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल्ड क्षमता (लार्ज हाईड्रो सहित) में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है, पवन ऊर्जा की क्षमता में चौथे स्थान पर और सोलर पॉवर की क्षमता में चौथे स्थान (रेन 21 रिन्यूएबल्स 2022 ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक) पर है। भारत ने देश की अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता में इस दशक के अंत तक कमी लाकर उसे 45 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह साल 2030 तक 50 प्रतिशत संचयी इंस्टॉल्ड इलेक्ट्रिक पॉवर और साल 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल कर लेगा। लो-कार्बन टेक्नॉलॉजी साल 2030 तक भारत में 80 बिलियन डॉलर तक की मार्केट वर्थ हासिल कर सकती है।