बेशकीमती जमीन को राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध रूप से हड़पते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप

0
240

अवधनामा संवाददाता

गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी के इतने बड़े फ्राड के खिलाफ कोई कार्यवाही न होना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना

बीजेपी पार्षद ने सीएम योगी से मिलकर की जांच की मांग

अयोध्या। जहां एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों के मालिकों पर बुलडोजर चला कर देश दुनिया मे ख्याति अर्जित कर रही है वही प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में भी विद्यालय के नाम पर करोड़ों रूपये की बेशकीमती जमीन को राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध रूप से हड़पते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप जिले की गुरुनानक एजुकेशनल सोसायटी के प्रबंधन पर लगा है। यह आरोप सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नामित पार्षद सरदार अजीत सिंह ने लगाया है।
दशकों से सरकारी जमीन को आरोपियों से मुक्त कराने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे पार्षद अजीत सिंह ने बताया कि गुरुनानक एजुकेशन सोसायटी के प्रबन्धको ने उसरू ग्राम सभा मे 60 करोड़ की बेशकीमती बंजर तालाब नवीन परती लगभग 20 बीघा जमीन पर राजस्व अभिलेखों व चकबंदी विभाग की मिलीभगत से हड़प कर निजी डिग्री कालेज बनवा कर अरबो कमाया है।
जिसकी शिकायत उन्होंने प्रदेश के यसस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज से भी मिलकर की है।
बता दे कि मामला उसरू ग्राम सभा के गाटा संख्या 237 व 272 ग से जुड़ा है। शिकायत कर्ता का आरोप की राजस्व कर्मियों की मिलीभगत और अभिलेखों में हेराफेरी कर गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी के लोगो ने सरकारी जमीन को कौड़ियों के भाव खरीद कर हर साल करोड़ो की कमाई कर रहे है।
आरोप तो यह भी है कि गुरुनानक एजुकेशनल सोसायटी ने तो मुकदमे के दौरान बिना नक्शा पास कराये ही सरकारी जमीन पर डिग्री कालेज का निर्माण तक कर लिया है। नामित पार्षद की शिकायत पर वीसी एडीए विशाल सिंह ने सम्बंधित जेई महेंद्र कुमार को 5 जनवरी 2023 को दिया सरकारी जमीन से पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट भी मांग लिया है। शिकायत कर्ता पार्षद का आरोप है कि गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी के लोगो के दबाब में आकर जेई ने अभी तक कोई कार्यवाही नही की है। पार्षद अजीत सिंह ने बताया कि 20 अगस्त 2004 को एसडीएम सदर ने अपनी जांच रिपोर्ट संख्या 858/अ.लि.(एस)2004/उसरू/20/8/2004 में साफ लिख दिया था कि तत्कालीन डीडीसी चकबंदी के आशुलिपिक रामचंद्र जायसवाल ने तत्कालीन ग्राम प्रधान बेंचु सिंह से मिलकर उक्त सरकारी जमीन अपनी पत्नी सुभद्रा पुत्री रामचेत के नाम करवाकर गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी को बेंचकर तालाब और नवीन परती की जमीन को हड़प लिया है जिसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होनी चाहिए। जिसके बाद रामचन्द्र जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ और उन्हें जेल जाना पड़ा। बाउजूद इसके आज तक इस पूरे मामले के कर्ताधर्ता गुरुनानक एजुकेशनल सोसाइटी के इतने बड़े फ्राड के खिलाफ कोई कार्यवाही न होना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। शिकायत कर्ता बीजेपी पार्षद अजीत सिंह ने मुख्यमंत्री से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाने व सरकारी जमीन को मुक्त कराने की मांग की है। जबकि वही दूसरी ओर गुरुनानक एजुकेशनल सोसायटी का मैनजमेंट देख रहे प्रतिपाल सिंह पाली का साफ कहना है कि सारे आरोप निराधार है हमने यह जमीन तत्कालीन ग्राम प्रधान बेचू सिंह व सुभद्रा जायसवाल से बैनामा लिया है। हमने एडीए से बिल्डिंग का नक्शा भी पास करवाया है तब निर्माण किया है। अजीत सिंह के सभी आरोपो की जांच हो चुकी है जिसमे उनके सारे आरोप गलत पाए जा चुके है हमारे पास एसडीएम से लेकर कमिश्नर तक कि सारी जांच रिपोर्ट है लेकिन वह रिपोर्ट गुरुनानक एजुकेशनल सोसायटी द्वारा अभी तक उपलब्ध नही करवाई जा सकी।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here