एक नया उत्पाद ‘बॉडीगार्ड वीआईपी प्लस’ लॉन्च किया, जो लोगों को यूपीआई फ्रॉड, फिशिंग एवं फंड्स में अनधिकृत सेंध से होने वाले अन्य वित्तीय नुकसानों से सुरक्षा प्रदान करेगा
लखनऊ: साईबर सिक्योरिटी कंपनी, सेफहाउस ने अपनी तरह के पहले साईबर इंश्योरेंस कवर के लॉन्च की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों में अपने बॉडीगार्ड ऐप द्वारा अद्वितीय साईबर इंश्योरेंस प्रदान करने के लिए कंपनी ने एचडीएफसी इर्गो जनरल इंश्योरेंस के साथ साझेदारी की है। यह ऐप विभिन्न डिजिटल सुरक्षा विशेषताएं प्रदान करता है, जिसमें अब व्यक्तिगत ग्राहकों को डिजिटल फ्रॉड से होने वाले वित्तीय नुकसान का कवरेज भी शामिल होगा। इस साईबर इंश्योरेंस कवर का उद्देश्य ग्राहकों को किसी भी अनधिकृत डिजिटल विनिमय के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान के लिए एचडीएफसी इर्गो की तरफ से 25,000 रु. का 1 साल का कॉम्प्लिमेंटरी कवरेज और प्राथमिकता से सपोर्ट एवं एक समर्पित क्लेम डेस्क प्रदान कर ‘इंटरनेट इंश्योर्ड’ रखना है।
इस नए उत्पाद के बारे में रुचिर शुक्ला, एमडी- इंडिया, सेफहाउस टेक ने कहा, ‘‘इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ गई है, इसलिए ज्यादा संख्या में लोग अपने वित्तीय विनिमय ऑनलाईन करने लगे हैं। दुख की बात यह है कि उनमें से काफी सारे लोग ऑनलाईन घोटालों का शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तर प्रदेश में साईबर अपराधों की संख्या पिछले साल बहुत तेजी से बढ़ी है। ज्यादातर दर्ज मामलों में ऑनलाईन मनी फ्रॉड या तो यूपीआई द्वारा या पेटीएम द्वारा किए गए थे। इसके अलावा देश में रैंसमवेयर के 85 फीसदी अपराध उत्तर प्रदेश में हुए।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘बॉडीगार्ड वीआईपी प्लस द्वारा यूज़र्स को किसी भी अनधिकृत डिजिटल विनिमय के कारण होने वाले नुकसान के लिए एचडीएफसी इर्गो की तरफ से 25,000 रु. का साईबर कवर मिलता है। इस कवरेज द्वारा हम इंटरनेट का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति के लिए वित्तीय नुकसान का जोखिम कम करना चाहते हैं, और उन्हें साईबर स्पेस में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कराना चाहते हैं। सेफहाउस टेक में हम 2.5 मिलियन यूज़र्स के अपने बढ़ते समुदाय को इंटरनेट का सबसे सुरक्षित और निजी अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उत्तर प्रदेश देश की साईबर राजधानी भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ साईबर अपराधी साईबर अपराध करने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। यूज़र्स को साईबर अपराध से बचाने और इसके बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सरकार भी विभिन्न प्रयास कर रही है।