नई दिल्ली। रतन टाटा के करीबी और विश्वासपात्र माने जाने वाले आर कृष्णकुमार का रविवार शाम निधन हो गया। टाटा समूह के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। केरल में जन्मे कृष्णकुमार ने टाटा समूह में कई पदों पर काम किया था।
कृष्णकुमार को इंडियन होटल्स के बिजनेस को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वह समूह की रणनीतिक गतिविधियों का भी महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके जाना टाटा समूह में एक कभी न भरने वाला शून्य पैदा करेगा।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित कृष्णकुमार को रविवार को आर्थिक राजधानी में अपने घर पर दिल का दौरा पड़ा। कृष्णकुमार का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। टाटा संस के वर्तमान अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने टाटा समूह को कृष्णकुमार के योगदान को याद करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा, ‘मुझे उन्हें जानने का सौभाग्य मिला। उनके अंदर बहुत-सी खूबियां थीं। एक इंसान के रूप में उनमें करुणा की गहरी भावना थी। वह हमेशा उन लोगों के साथ खड़े रहते जो कमजोर हैं या जिन्हें औरों के मुकाबले कम विशेषाधिकार प्राप्त हैं। वह लोगों की मदद करना चाहते थे और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालना चाहते थे। हम उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं। हमें उनकी कमी खलेगी।’
रतन टाटा के करीबी
कृष्णकुमार कार्यकारी भूमिकाओं से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद टाटा ट्रस्ट के साथ सक्रिय थे। वह कथित तौर पर उस टीम का हिस्सा थे जिसने साइरस मिस्त्री को हटाने के प्रकरण में रतन टाटा के साथ काम किया था। वह रतन टाटा की कोर बिजनेस स्ट्रैटेजी टीम का हिस्सा माने जाते थे।