अवधनामा संवाददाता
21वीं सदी में 10 बार आएगा 2023 का कैलेंडर
लखीमपुर खीरी .पूरी दुनिया में आम आदमी के लिए श्रविवारश् का दिन एक छुट्टी का दिन होता है। इस बार नववर्ष 2023 की शुरुआत 1 जनवरीए दिन रविवार से हो रही है एवं समापन भी 31 दिसंबरए दिन रविवार से हो रहा है। साल के पहले दिन व अंतिम दिन रविवार का होना आम आदमी के लिए एक सुखद संयोग ही है। रविवार से शुरुआत व अंत वाले ऐसे कैलेंडर का संयोग इस सदी में पहली बार ही नहीं आया है। इससे पूर्व 2006 एवं 2017 में भी ऐसा ही कैलेंडर आया था। आगामी वर्षों 2034ए 2045ए 2051ए 2062ए 2073ए 2079 एवं 2090 मे इसी कैलेंडर का पुनः संयोग आएगा। 21वीं सदी में ऐसे कैलेंडर का संयोग कुल 10 बार आएगा। विगत सदी में भी ऐसा संयोग कुल 11 बार वर्षों 1905ए 1911ए 1922ए 1933ए 1939ए 1950ए 1961ए 1967ए 1978ए 1989 एवं 1995 में आया था। ऐसे ही कैलेंडर से जुड़े रोचक तथ्यों को लखनऊ पब्लिक स्कूल के गणित अध्यापक अतुल सक्सेना ने अपनी स्वनिर्मित सैकड़ों वर्षों के लिए तैयार की गई कोड.कैलेंडर तालिका के आधार पर प्रस्तुत किया है।उनके अनुसार सामान्य वर्ष तथा लीप वर्ष के कैलेंडर सात.सात प्रकार के होते हैं। इस तरह से कुल 14 प्रकार के ही कैलेंडर होते हैं। किसी शताब्दी में एक प्रकार के कैलेंडर की पुनरावृति सामान्यतया 6ए11ए11वर्षों के बाद क्रमांनुसार आने की संभावना रहती है। उनके अनुसार वर्ष 2023 का अंक कोड 622503514624 है। यह 12 अंकों का समूह 12 महीनों जनवरी से दिसंबर तक के क्रमानुसार कोड हैं। किसी तारीख में उसके माह का कोड जोड़कर प्राप्त योगफल को 7 से भाग करने पर जो शेषफल प्राप्त होता हैए वह उस दिन का व्यक्त कराता है। शुन्य से छरू तक प्राप्त होने वाले शेषफल क्रमशः रविवार से शनिवार को व्यक्त करते हैं। 26 जनवरी 2023 का दिन जाने के लिए 26 मे माह कोड 6 को जोड़ने पर आये योगफल 32 को 7 से भाग करने पर जो शेषफल 4 आता हैए वह श्गुरुवारश् के दिन होने का बताता है। ऐसे ही 1 फरवरी 2023 का दिन जानने के लिए तारीख 1 मे फरवरी माह का कोड 2 जोड़ने पर 3 आता हैए जिसे 7 से भाग करने पर भागफल से शुन्य तथा जो शेषफल 3 आएगाए वह श्बुधवारश् दिन होने को बताता है।