अवधनामा संवाददाता
जखौरा (ललितपुर)। विकास खण्ड जखौरा अंतर्गत ग्राम सिरसी की पावन भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष्ठ अनुसंधान केन्द्र का भव्य शुभारंभ करते हुये संत त्रिपाठी ने अपार जन समूह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को गृह-नक्षत्रों के बारे में अवगत कराते हुये कहा कि हमारे मानवीय जीवन में ज्योतिष शास्त्र की बड़ी ही आवश्यकता है। हम कभी-कभी इन ग्रहों का अनदेखा कर जाते हैं, जिसके कारण जीवन में बड़ी ही कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। आगे स्मरण कराते हुये कहा कि ज्योतिष हमारे जीवन, हमारे भारत की आत्मा है, जो पूर्व में विदेशियों के आक्रमण के कारण तहस-नहस कर दिया गया। उन्होंने जीवन का सफलता एवं असफलता का बड़ा ही मार्मिक महत्व बताया। अगर दीपक बुझ रहा हो और हम हाथ लगा देते हैं तो दीपक को बुझने से बचाया जा सकता है। जनसमूह को संबोधित करते हुये संत त्रिपाठी ने जीवन में सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरू, शुक्र एवं शनि के बारे में प्रकाश डाला। कहा इन ग्रहों का समय पर समाधान ज्योतिष के माध्यम से कर लिया जाये तो बड़ी से बड़ी अनहोनी घटने से बच सकती है। हमारे जीवन में आत्मविश्वास तक में इसका विशेष प्रभाव है। जबकि इन फरेबी लोगों से बचने के लिए हमें ज्योतिष और आत्मक विकास की ओर बढऩा चाहिए। ताकि समाज में फैली हुयी कुरीतियां एवं अंधविश्वास को दूर भगाया जा सके। जीवन में हमें समय रहते अगर हम सावधान हो जायें तो हम कई बड़ी आपदाओं से बच सकते हैं। जीवन में महामृत्युंजय जाप का बड़ा ही महत्व बताया गया है। इस जाप से हम जीवन को नया रूप दे सकते हैं। माँ गायत्री माता महामंत्र का जाप का भी बड़ा महत्व संत त्रिपाठी द्वारा बताया गया। गायत्री मंत्र हमें जीवन में अपने परिवार में और अपने बच्चों को भी इसका जाप कराना चाहिए। ताकि हमारा जीवन उज्जवल व संस्कारवान बन सके।