Monday, August 11, 2025
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किसकी चमकेगी किस्मत और कौन रह जाएगा अनसोल्ड, दांव पर होंगे 405 खिलाड़ी

नई दिल्ली। 2023 आइपीएल 2023 की शुरुआत 23 दिसंबर से कोच्चि में होने वाले मिनी ऑक्शन से के साथ शुरू हो जाएगी। इस बार 405 खिलाडिय़ों की किस्मत दांव पर है जिसमें से 273 भारतीय और 132 ओवरसीज खिलाड़ी हैं।
बीसीसीआइ, आइपीएल 2023 को बड़ा बनाने के लिए कोई भी कमी नहीं रखना चाहती है। इसकी शुरुआत शुक्रवार 23 दिसंबर से हो जाएगी, जब कोच्चि में मिनी ऑक्शन का आयोजन होगा। इस ऑक्शन में 405 खिलाडिय़ों के नाम की बोली लगेगी। इसमें से 273 भारतीय और 132 ओवरसीज खिलाड़ी होंगे।
दोपहर 2.30 बजे से यह मिनी ऑक्शन शुरू हो जाएगा। यदि आप इसका लाइव प्रसारण देखना चाहते हैं तो  स्टार स्पोट्र्स नेटवर्क पर इसे देख सकते हैं, जबकि इसकी लाइव स्ट्रीमिंग जियो सिनेमा एप पर देखी जा सकती है।
कितने खिलाड़ी को खरीद सकती है टीम?
हर टीम के पास ज्यादा से ज्यादा 25 और कम से कम 18 खिलाडिय़ों का स्क्वॉड होना चाहिए, जिसमें से 8 खिलाड़ी ओवरसीज होने चाहिए। कुल 10 टीम इस ऑक्शन के माध्यम से अपने 87 स्लॉट को भरने की कोशिश करेगी।
कितने खिलाड़ी हुए हैं रिटेन और कितने बचे हैं पैसे
कुल 10 टीमों ने 163 खिलाडिय़ों को रिटेन किया है, जिसमें से 50 ओवरसीज खिलाड़ी हैं। दिल्ली कैपिटल्स ने सर्वाधिक 20 खिलाडिय़ों को रिटेन किया है। उनके पास 5 स्लॉट बचे हैं, जिसमें से 2 ओवरसीज खिलाडिय़ों के लिए हैं। सर्वाधिक खाली स्लॉट सनराइजर्स हैदाराबाद के पास है, क्योंकि उन्होंने केवल 12 खिलाड़ी को रिटेन किया था। सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से रिलीज किए गए सबसे बड़े खिलाड़ी केन विलियमसन थे, जिसने सबको चौंकाया था।
पिछले सीजन की चैंपियन टीम गुजरात ने 18 खिलाडिय़ों को रिटेन किया था। उनके पास 7 स्लॉट खाली है, जिसमें से 3 ओवरसीज खिलाड़ी के लिए है।
10 टीम 87 स्लॉट के लिए लगाएगी बोली
23 दिसंबर को होने वाले ऑक्शन में 10 टीम, कुल 87 स्लॉट को भरने के लिए बोली लगाएगी। इसमें से 30 खिलाड़ी ओवरसीज के होंगे। पिछले साल के मेगा-इवेंट के की तुलना में इस बार प्रत्येक टीम ने अपने अधिकांश खिलाडिय़ों को बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि उन लोगों के लिए कम स्लॉट हैं, जिन्हें भरने के लिए नीलामी में जाना होगा।
प्रत्येक फ़ैचाइज़ी को अपने कुल पर्स का कम से कम तीन चौथाई खर्च करना जरूरी है जो कि 95 करोड़ रुपये है, पिछले साल की तुलना में पांच अधिक। ये बोली की प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक की सभी टीमों के स्लॉट भर नहीं जाते। हर खिलाड़ी की एक बेस प्राइस है, जिसका मतलब है कि उस प्राइस से नीचे उस खिलाड़ी को नहीं खरीदा जा सकता है।

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