अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दीक्षोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किन्नर अखाड़ा की कलाकार रोहित काली ने जब काली नृत्य का प्रदर्शन किया तो पूरा हाल काली मां के जयकारों से गूंज उठा। दीक्षोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्य अतिथि किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर एवं उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरी टीना मां ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने जिस तरह किन्नरों की शिक्षा के लिए कदम बढ़ाया है उसके लिए किन्नर कल्याण बोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करेगा। किन्नर अखाड़ा के कलाकारों रोहित काली एवं नगमानंद गिरि ने काली नृत्य एवं देवी नंद गिरि एवं प्रतिमा नंदगिरी ने सोहर गीत प्रस्तुत किए।
प्रारंभ में मुख्य अतिथि टीना मां एवं कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अतिथियों का स्वागत संयोजक प्रोफेसर जी एस शुक्ल ने किया। इस अवसर पर सौम्या एवं वैष्णवी ने गणेश वंदना, आयुषी यादव ने एकल नृत्य, दीप्ति योगेश्वर एवं उनकी टीम ने बाल श्रम पर प्रहार करती हुई झांकी प्रस्तुत की। रुचि गुप्ता एवं आरना गुप्ता ने योगनृत्य की प्रस्तुति की। चांदनी एवं उनकी टीम द्वारा कालबेलिया राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। आंचल अग्रवाल ने राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि सांस्कृतिक उत्सव से रचना धर्मिता बढ़ती है। इन उत्सवों से भारतीय संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से विश्वविद्यालय में आज काली नृत्य की इतनी सुंदर प्रस्तुति संभव हो सकी। समारोह का संचालन डॉ त्रिविक्रम तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ दीप्ति श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी टीना मां ने सम्मानित किया।