अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। जनपद के अहिरौला थाना का मामला है जहाँ पारा गांव में एक मौर्य परिवार को जमीनी विवाद में 14 जून 2022 को पति पत्नी दोनों को पहले अपहरण किया जाता है फिर कुछ समय बाद दोनों की निर्मम हत्या कर लास जंगल में फेंक दी जाती है। जब लास की शिनाख्त होने के बाद परिजन पुलिस को नामजद तहरीर देते हैं पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है लेकिन दिल को झकझोर देने वाली बात तो यह है कि 3 अनाथ बच्चों को आज तक न्याय नहीं मिला और ना ही पुलिस हत्यारों को गिरफ्तार कर पाई भाजपा मंत्री व नेता के इसारे पर आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक काम कर रहे हैं और हत्यारे को संरक्षण दे रहे हैं।
हत्या के काफी समय बाद तीनों अनाथ बच्चे भूख हड़ताल पर आजमगढ़ जिलाधिकारी के सामने अम्बेडकर पार्क में बैठे हैं आज 61 दिन से लगातार न्याय की गुहार लगाते सासन प्रशासन से भीख मांग रहे है लेकिन सासन प्रशासन के कानों तक जूं नही रेंगता हैं और ना ही कोई ठोस कार्यवाही की गई और ना ही उस अनाथ बच्चों की खबर कोई जिम्मेदार लेने आया है।
जब कि इसके विरोध में आजमगढ़ जिले के कई संगठनों का जमावड़ा 2 दिसम्बर 2022 को जिलाधिकारी के सामने सड़क पर उतरा लेकिन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक अपने बंगले से बाहर तक नही निकले छोटे कर्मचारियों को ढांढस देने के लिए भेज देते हैं।
मजे की बात तो यह है छेत्र में तरह तरह की चर्चा तो हो ही रही थी लेकिन निकाय चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी पर कार्यक्रम में आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने मीडिया के लोगो ने पूछा तो उन्होंने बहुत ही सुरीली सब्दो में बताया कि समाजवादी पार्टि तो चाहती है कि मौर्य परिवार को न्याय मिले लेकिन पुलिस कप्तान से हम लोग मिले तो उन्होंने ही बताया कि किसी भाजपा के मंत्री के दबाव में हम लोग कुछ न्हीकर पा रहे हैं क्योंकि नौकरी हमे भी बचनी है।