अवधनामा संवाददाता
वाराणसी/ब्यूरो डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ के कहानी संग्रह “भारत मां की कसम” उर्फ “शिखर कहानी बिंब” का विमोचन रविवार को डॉ. सत्येंद्र कुमार, सीईओ यूनिवर्सल कम्युनिकेशन मीडिया सेंटर लखनऊ के करकमलों द्वारा विश्वज्योति जनसंचार केंद्र नेपाली कोठी वाराणसी में समारोह पूर्वक किया गया। मुख्य अतिथि डॉक्टर सत्येंद्र जी ने इस कहानी संग्रह को “जिंदगी जीने का मार्गदर्शक” के रूप में बताया। वही बतौर मुख्य वक्ता गोरखपुर से पधारे हिंदी विभागाध्यक्ष एवं साहित्यकार केशव चंद्र शुक्ल ने अपने विचार व्यक्त किए तथा कहानी संग्रह की एक कहानी “भारत मां की कसम” को पढ़कर सभी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। बतौर विशिष्ट वक्ता उपस्थित मिर्जापुर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने रचनाकार एवं कहानी संग्रह के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। अगले विशेष वक्ता के रूप में उपस्थित हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज वाराणसी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर धीरेंद्र कुमार पांडेय ने भी कहानी के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए।
ज्ञातव्य हो कि कवि, लेखक एवं साहित्यकार के रूप में ख्यातिलब्ध रचनाकार ‘शिखर’ ने अपनी पुस्तक “भारत मां की कसम” उर्फ “शिखर कहानी बिंब” में कल्पनाओं से परे जीवन के वास्तविक अनुभव पर आधारित 32 कहानियों को क्रमवार संजोया है। इसके पूर्व शिखर की दस अन्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें काशी के चौरासी, बनारस की गलियां, राजभाषा सहायिका के अतिरिक्त सभी काव्य और कहानी संग्रह हैं। विमोचन कार्यक्रम के आरंभ में सभी विशिष्ट अतिथियों ने मुख्य अतिथि डॉ. सत्येंद्र कुमार तथा पुस्तक के रचनाकार डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ का अंगवस्त्रम् से अभिनन्दन किया। डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ द्वारा रचित उक्त पुस्तक का प्रकाशन भदोही के “हिंदीश्री पब्लिकेशन” द्वारा किया गया है। इस अवसर पर हिंदीश्री पब्लिकेशन की ओर से सभी अतिथियों ने डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ को “मुंशी प्रेमचंद साहित्य सम्मान” से सम्मानित किया।
विमोचन समारोह की अध्यक्षता कर रहे हिंद भास्कर के समाचार संपादक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ‘मधु गोरखपुरी’ एवं बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित सोनभद्र के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार भोलानाथ मिश्र एवं मिर्जापुर के वरिष्ठ साहित्यकार आनंद अमित ने भी शिखर एवं उनकी कहानी संग्रह पर अपने विचार व्यक्त किए। पुस्तक विमोचन के अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रभा शंकर मिश्र असिस्टेंट प्रोफेसर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, डॉक्टर मनोहर लाल एसोसिएट प्रोफ़ेसर पत्रकारिता विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं समाजसेवी रुपेश नागवंशी, वरिष्ठ पत्रकार अमरेश चंद्र मिश्र, सर्वेश श्रीवास्तव, संजीव कुमार श्रीवास्तव और यतींद्र उपाध्याय सहित अन्य साहित्य मनीषियों की भी उपस्थिति रही। अंत में डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ने अपनी कहानी संग्रह का संक्षिप्त परिचय देते हुए मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता, विशिष्ट वक्ता, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य अतिथियों का आभार प्रकट किया।