1 महीने के निचले स्तर पर महंगाई:खाने-पीने के सामान और सब्जी हुई सस्ती

0
93

नई दिल्ली। महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। महीनों की जद्दोजहद और सरकार तथा आरबीआई के लगातार प्रयासों की बदौलत मुद्रास्फीति नवंबर में 9 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवम्बर महीने में मुद्रास्फीति घटकर 5.88त्न हो गई है।
नवंबर की खुदरा महंगाई और अक्टूबर महीने के औद्योगिक वृद्धि के आंकड़े आज जारी हुए। आपको बता दें कि ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने भारत की खुदरा मुद्रास्फीति के नीचे आने का अनुमान लगाया था। अलग-अलग संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार अधिकतर अर्थशास्त्रियों का मानना था कि मुद्रास्फीति 6.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ सकती है।

तेजी से घट रही महंगाई

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अनुकूल आधार प्रभाव के कारण अक्टूबर में तेजी से गिरकर 6.77 प्रतिशत हो गई थी। इस बार यह 6 प्रतिशत से अधिक के टॉलरेंस बैंड से कुछ नीचे आई है। लगातार 10 महीने तक मुद्रास्फीति 6 फीसद से ऊपर बनी रही। हालांकि, लगातार 38वें महीने यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से अधिक है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 4.67 फीसदी रही, जो पिछले महीने 7.01 फीसदी थी।

जनवरी से रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की ऊपरी सहिष्णुता सीमा से ऊपर रहने के बाद, खुदरा मुद्रास्फीति 11 महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही। रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते कहा था कि महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया है, लेकिन महंगाई के खिलाफ लड़ाई में आत्मसंतोष की कोई गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि महंगाई वह अर्जुन की नजर बनाकर रखे हुए है। आरबीआई का अनुमान है कि जल्द ही मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत तक गिर जाएगी।

आरबीआई की दर वृद्धि का असर

नवंबर के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा 7 दिसंबर को रेपो दर को 35 आधार अंकों (बीपीएस) बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने के कुछ ही दिनों बाद जारी किए गए हैं। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने आठ महीनों में पांचवीं बार नीतिगत दर में वृद्धि की है।

आरबीआई के नवीनतम पूर्वानुमानों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2023 में महंगाई की दर 5.9 प्रतिशत और अप्रैल-जून 2023 में 5 प्रतिशत तक गिर सकती है। अक्टूबर-दिसंबर में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 6.6 प्रतिशत देखी गई है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर महंगाई में कोई बड़ी कमी देखने को नहीं मिली तो आरबीआई फरवरी की एमपीसी मीटिंग में रेपो दर को एक बार और बढ़ा सकता है। उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि का विकल्प चुनेगा। उसके बाद दरें स्थिर हो सकती हैं।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here