अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। फीस न देने पर स्कूली बच्चों को बाहर न निकालने से संबंधित जिलाधिकारी द्वारा दिये गये आदेशों को उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि निजी स्कूल सरकारी आदेशांे को मानने के लिए बाध्य नहीं हो सकते, क्योंकि सरकार उनकी कोई सहायता नहीं करती है।
गंगोह रोड स्थित चंद्र विहार कॉलोनी के द ग्रेट सनराइज पब्लिक स्कूल में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ की आकस्मिक कोर कमेटी की बैठक में बोलते हुए शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अशोक मलिक ने कहा की बड़गांव के दिव्या पब्लिक स्कूल के प्रबंध समिति द्वारा बिना फीस के बच्चों को बाहर निकालने पर जिलाधिकारी ने गैर जिम्मेदाराना बयान पर निजी स्कूलों संचालकों में आक्रोश पैदा हुआ। जिलाधिकारी का कहना है कि बिना फीस के बच्चों को घर नहीं भेज सकते। सवाल बड़ा है की बिना फीस के हम वेतन कहां से दे और वेतन देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन व सरकार लें तो हम बिना फीस के बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हैं। पिछले 4 वर्षों से आरटीई के अंतर्गत 25 प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शासन के प्रावधान के अनुसार पढ़ा रहे हैं, लेकिन अब हम उधार में बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे। दूसरा भारत सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का डाटा सरकार ने रात को 12.00 बजे अपने पोर्टल से डिलीट कर दिया है, जो बच्चे गरीब दुर्बल वर्ग के थे, फीस प्रतिपूर्ति आने के बाद ही संस्थान की फीस देते थे इस प्रकार बच्चों की फीस देने का रास्ता सरकार ने बंद कर दिया है तो निजी स्कूल संस्थान के पास में स्कूलों से बच्चों बाहर निकालने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचता है। बैठक को दिनेश रूपड़ी प्रीतम सिंह भोपाल सिंह ने दीपक शर्मा गौरव शर्मा प्रदीप कुमार कुलदीप कुमार प्रवीण डोगरा पुष्कर शर्मा अतुल कुमार आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता जिला अध्यक्ष केपी सिंह ने संचालन महामंत्री हंस कुमार ने किया।