अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। बुन्देलखण्ड का जनपद ललितपुर प्राकृतिक धरोहरों व पर्यटनीय स्थलों से भरा पड़ा है। यहां पर्यटन के कई केन्द्र हैं, जिन्हें विकसित कराते हुये विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने का प्रयास लगातार किया जाता रहा है। इसी क्रम में वन क्षेत्र के पर्यटन क्षेत्रों के प्रचार और विकास को लेकर पर्यटन पुरुष रवीन्द्र दिवाकर के कुशल नेतृत्व में एक ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय व प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी को सौंपा गया है। ज्ञापन में बताया गया है कि बुन्देलखंड प्रकृति पर्यटन समिति क्षेत्र के धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों का सर्वे कर उन्हें विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिये प्रयासरत है। प्रदेश के वनमंत्री अरुण सक्सेना ने बुन्देलखंड के प्रभागीय निदेशकों से सम्पर्क कर उनसे चर्चा करने को कहा है ताकि वन क्षेत्रों में बसे पर्यटन स्थलों का प्रचार प्रसार और विकास कराया जा सके। तत्क्रम में ललितपुर के देवगढ (जैन परकोटा, बुद्धगुफा, दशावतार मंदिर, वाराह मंदिर, नाहरघाटी, सिद्धगुफा, काटीघाटी, कुचदों), दूधई, चाँदपुर-जहाजपुर लखंजर पापरा, पंडुवन, झूमरनाथ, कुचदों, रणछोरधाम, सीरौन, मदनपुर में आल्हा ऊदल का बैठका और पंचमढ, पाली में नीलकंठेश्वरधाम और सीतामढ़ी व रॉककट नृसिंह प्रतिमा और बार के चंदनवन आदि स्थानों पर बुन्देलखंड प्रकृति पर्यटन समिति को पर्यटन विकास हेतु आपके सहयोग की अपेक्षा की गयी है। ज्ञापन देते समय पर्यटन पुरुष रवीन्द्र दिवाकर, हरेन्द्र शाह नाराहट राजू राजा, मान्यता प्राप्त पत्रकार राकेश शुक्ला व नीरज मौजूद रहे।