अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। पंजाबी एकता समिति के तत्वावधान में हिन्द की चादर श्री गुरूतेग बहादुर के शहीदी पर्व पर आयोजित गोष्ठी में उनके द्वारा हिन्दू धर्म को बचाने के लिए दी गई कुर्बानी पर प्रकाश डालते हुए उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने का आह्वान किया।
मिशन कंपाउंड स्थित एक होटल के सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरुद्वारा भाई जगता के धर्म प्रचारक ज्ञानी गुरुजन सिंह ने बताया कि उस समय दिल्ली की गद्दी पर काबिज क्रूर शासक द्वारा जब हिंदू धर्म के लोगों को जबरन जनेऊ उतार कर उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा था, उस समय तंग आकर हिंदू धर्म के प्रतिनिधियों के तौर पर कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल श्री गुरु तेग बहादुर सिंह के पास पहुंचा, उनके इस निवेदन पर गुरु तेग बहादुर जी अपने सिक्खों को साथ लेकर दिल्ली की ओर रवाना हुए। रास्ते में आगरा के दिल्ली के शासकों की फौज उन्हें अपने कब्जे में लेकर दिल्ली पहुंची, जहां चांदनी चौक पर गुरु जी को पहले प्रलोभन दिए गए, वह विचलित नहीं हुए, उसके बाद गुरुजी के तीन सीखे सीखे सिक्खी भाई मती दास, भाई रुचि दास और भाई दयाला जी को पहले धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन दिया, उनके भी ना मानने पर गुरु जी और जनता के सामने खौफ पैदा करने के लिए भाई मती दास के आरा चलाकर शरीर के दो टुकड़े कर दिए। उसके बाद भाई दयाला जी को उबलते हुए खोलते हुए पानी में डालकर शहीद किया एवं भाई सती दास को रुई से लपेट कर आग लगा दी, परंतु गुरु जी के यह तीनों शिष्य वाहेगुरु जी का पाठ करते करते बिना किसी डर के शहीद हो गए। इस पर तत्काल शासक ने नई दिल्ली के चांदनी चौक पर पूरी भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में खौफ पैदा करने के लिए सबके सामने श्री गुरु तेग बहादुर जी का शीष धड़ से अलग कर दिया। जिसके बाद पूरे देश में चिंगारी उठी और सभी ने खुलकर धर्म परिवर्तन का विरोध करना शुरू कर दिया। धर्म परिवर्तन के इस चक्र को रौंद दिया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष मुख्य संयोजक एमपी सिंह चावला ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजीव फुटेला, चौधरी विवेक चावला मुख्य संयोजक, युवा संयोजक सनी, बबलू, नवनीत अरोड़ा, अनिल गिलहोत्रा, आरपी सिंह, अनिल मदान, रमणीक सिंह, दीपक अरोड़ा, आदर्श भंडारी, अरुण अरोड़ा, राजू, हरीश, संजीव आदि लोग मौजूद रहे।