सत्तर हजार प्रसूता महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई एम्बुलेंस सेवा

0
344

 

बाराबंकी। जनपद में 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विसेस एवं 108 एंबुलेंस द्वारा ऐसे कई मामलो में लोगों को समय पर मदद मिल रही है। चाहे प्रसव के मामले हो या दुर्घटना के, एम्बुलेंस द्वारा सभी को समय रहते मदद पहुंचाई जा रही है। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से समय से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है एवं जरूरत पड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
सीएमओ डा अवधेश कुमार यादव ने बताया कि जिले में एम्बुलेंस में प्रसव के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। अच्छी बात यह है कि आपातकालीन टेकनीशियन एवं एम्बुलेंस स्टाफ द्वारा सभी का सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया। एम्बुलेंस में प्रसव के ज्यादातर मामले, अधिकतर ग्रामीण इलाको के होते हैं।
जनपद में इस वर्ष सितम्बर से अब तक 8500 गर्भवती को एम्बुलेंस के माध्यम से संस्थागत प्रसव के लिए विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंचाया गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 70 हजार गर्भवती को इमरजेंसी एम्बुलेंस 102 की सेवा दी गई है। साथ ही वर्ष 2022-23 में पिक 28 हजार और ड्रॉप के लिए 42 हजार गर्भवतियों को प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव के लिए 102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा प्रदान की गई है। इसके साथ ही कई ऐसे मामले भी हुए, जहां बहुत गंभीर अवस्था वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल तक पहुंचाया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अम्बरीश द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जनपद में संचालित एम्बुलेंस सेवाएं जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित हैं। इस एम्बुलेंसों में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है। किसी भी आकस्मिक स्थिति में प्रसव के लिए एम्बुलेंस कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं। 102 एम्बुलेंस मरीजों को घर से अस्पताल ले जाती है एवं इलाज के बाद जच्चा बच्चा को वापस घर भी छोड़ती है जबकि 108 सेवा में केवल अस्पताल ले जाने की सुविधा है। किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में 108 नम्बर पर सहायता ली जा सकती है।
एम्बुलेंस कार्यक्रम के जिला समन्वयक डा एएस गौतम ने बताया कि जनपद में कुल 76 एम्बुलेंस संचालित हैं। जिसमें 102 की 44 एवं 108 की 36 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं। 108 व 102 की सभी एम्बुलेंस एक चिन्हित हॉटस्पॉट पर खड़ी होती हैं जहाँ से मरीज को मदद पहुँचाने में कम समय लगे।
नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार मरीज की जरूरतों को देखते हुए दो तरह की एम्बुलेंस सेवा प्रदान की जाती है। 102 के तहत दो वर्ष तक के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं जरूरत के लिए एम्बुलेंस सेवा ले सकते हैं जैसे जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत पात्र लाभार्थियों को अस्पताल पहुंचाने, रेफर करने, या दूसरे अस्पताल पहुंचाने और बच्चे और मां को वापस घर पहुंचाने की सुविधा दी जाती हैं। 108 के तहत गंभीर मरीज, दुर्घटना में घायल लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की सुविधा मिलती है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here