अवधनामा संवाददाता
बिना रजिस्ट्रेशन और मानकों के विपरीत हॉस्पिटल के संचालन करने का आरोप
ललितपुर। जिला मुख्यालय के वीआईपी इलाके में संचालित ऋषि राज हॉस्पिटल में गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था । जहां पर शुल्क लेकर उसका ऑपरेशन कर दिया गया और उसे आराम करने की सलाह दी गई। लेकिन ऑपरेशन के बाद प्रसूता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसके कारण उसकी हालत गंभीर हो गई । तत्पश्चात हॉस्पिटल प्रबंधन तंत्र ने उसे गंभीर हालत में झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उक्त घटना के संबंध में पीड़ित परिवार के साथ साथ करीब 2 दर्जन लोगों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराकर एफ आई आर दर्ज कराने की मांग उठाई है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि वह तो हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही से उनके परिवार की प्रसूता महिला की मौत हुई है । इस हॉस्पिटल का ना तो रजिस्ट्रेशन है और ना ही मानकों के अनुरूप सुविधाएं हैं। बल्कि सीधे साधे भोले भाले लोगों को यहां पर बहला-फुसलाकर उनके गुर्गों द्वारा लाया जाता है और उनसे मोटी मोटी रकम ऐंठ कर उन्हें मौत के मुंह में धकेला जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समाचार पत्र विक्रेता जन कल्याण समिति रजिस्टर्ड के बैनर तले पीड़ित परिवार के देवेंद्र कुमार पुत्र सीताराम निवासी लक्ष्मीपुरा ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर शहर के सदनशाह चौराहा पर संचालित ऋषि राज हॉस्पिटल के डॉक्टरों और प्रबंधक पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं । दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि उक्त हॉस्पिटल में 25 अक्टूबर 2022 को उन्होंने अपनी गर्भवती महिला वंदना साहू को प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराया था , जहां पर 15000 रुपये सुविधा शुल्क लेकर बंदना का ऑपरेशन वहां तैनात डॉक्टर सौम्या खैरा ने किया था। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान हॉस्पिटल संचालक व डॉक्टर द्वारा जानबूझकर लापरवाही करते हुए गलत तरीके से ऑपरेशन कर दिया । इसके साथ ही नसबंदी का भी ऑपरेशन कराया गया था तथा कचरा ऑपरेशन के बाद अंदर ही छोड़ कर उसके टांके लगा दिए गए थे। जिसके बाद प्रसूता महिला बंदना को काफी तकलीफ हुई और उसकी पेशाब बंद हो गई तथा शरीर में सूजन बढ़ने लगी थी। जिसके चलते वह मरणासन्न अवस्था में पहुंच गई थी। उसकी मरणासन्न अवस्था देखकर डॉक्टर और हॉस्पिटल संचालक के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने आनन-फानन में 3 नवंबर 2022 को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी । झांसी में तैनात डॉक्टरों ने बताया था कि जो ऑपरेशन किया गया है उसमें काफी लापरवाही हुई है जिस कारण इसकी मृत्यु हो गई। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि ऋषि राज हॉस्पिटल का ना तो कोई पंजीकरण है और ना ही मानकों के अनुरूप इसमें सुविधाएं हैं, बल्कि इसमें आए हुए मरीजों का शोषण किया जा रहा है तथा फर्जी विज्ञापन के आधार पर लापरवाह डॉक्टरों से यहां पर ऑपरेशन प्रक्रिया संपन्न कराई जाती है। ऋषि राज हॉस्पिटल के विज्ञापनों को देखकर सीधे साधे भोले भाले लोग उनके गुर्गों के जाल में फंस जाते हैं और वह पीड़ित वीमारों को अस्पताल में भर्ती करा कर मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। परिजनों ने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाया है कि पूर्व में भी घटना के संबंध में शिकायती पत्र दिया गया था लेकिन उसमें कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई । इस शिकायती पत्र के माध्यम से पीड़ित परिवार और समाचार पत्र विक्रेता संघ ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराकर मामले में एफ आई आर दर्ज कराने की कृपा करें । दिए गए ज्ञापन पर पुष्पेंद्र कश्यप मोहनलाल चौरसिया राजाराम देवेंद्र कुमार राजेश कमल पंत राजेंद्र कुमार सीताराम साहू सौरभ कुशवाहा सहित दो दर्जन लोगों के हस्ताक्षर बने हुए हैं।