जी-20 मीटिंग में बजा भारत का डंका:समिट की मेजबानी मिली

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पीएम मोदी ने कहा- भारत गरीबी के खिलाफ लड़ाई में टेक्नोलाजी का कर रहा इस्तेमाल

बेंगलुरु। इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट बुधवार दोपहर खत्म हो गई। मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने अगले साल के लिए अध्यक्षता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी। प्रेसिडेंसी मिलने के बाद मोदी ने कहा- दुनिया इस वक्त भारत भारत की तरफ देख रही है। उसे हमसे उम्मीदें हैं। अगले एक साल के दौरान हम चाहेंगे कि जी-20 एकजुट होकर काम करे।
बाली में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्र ांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिले। इस वल्र्ड स्टेज पर भारत की अहमियत कितनी है, इसकी मिसाल मंगलवार को फस्र्ट सेशन के दौरान मिली।
दरअसल, मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को देख नहीं पाए थे। वो सीट से उठकर दूसरी तरफ जा रहे थे, तभी यूएस प्रेसिडेंट ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों गर्मजोशी से मिले। इमैनुएल मैक्रों भी वहां पहुंचे और कुछ देर तक तीनों नेता बातचीत करते रहे।
इसके बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और मोदी की मुलाकात दो बार हुई। मंगलवार को अनौपचारिक तौर पर मिले तो बुधवार को औपचारिक बातचीत हुई। ब्रिटेन ने लगे हाथ ऐलान कर दिया कि 3 हजार भारतीयों को नए वीजा जारी होंगे।
भारत को अध्यक्षता मिलने के बाद मोदी ने कहा- हमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा। ये हमारी प्राथमिकता होगी।
मंगलवार रात जी-20 की परंपरा के मुताबिक, मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने डिनर होस्ट किया। यहां ग्रुप-20 के तमाम राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। इसी दौरान मोदी और चीन के राष्ट्रपति आमने-सामने हुए तो दुआ सलाम हुई। गलवान झड़प यानी करीब 3 साल बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी।
खास बात यह है कि 15 और 16 सितंबर को मोदी और जिनपिंग एससीओ समिट में भी एक ही छत के नीचे थे, लेकिन तब दोनों की आंखें तक नहीं मिलीं थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए और एक दूसरे को गले लगाया।
भारत के लिए यह जी-20 समिट कई मायनों में बेहद खास रही है। कोरोना के दौर के बाद पहली बार व्लादिमिर पुतिन को छोड़कर इतने हेड ऑफ द स्टेट्स एक ही मंच पर मौजूद थे।
भारत को जी-20 की प्रेसिडेंसी मिलने का मतलब साफ है कि वल्र्ड फोरम पर हमारी बात सुनी जा रही है। इससे भी खास बात यह है कि जर्मनी, फ्र ांस, जापान, सऊदी अरब और ब्रिटेन अब भारत से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए उतावले नजर आ रहे हैं।
समिट में भारत का कद कितना ऊंचा रहा, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने पहली बार इस समिट के लिए अपने हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार को भेजा। तरार पूरी समिट के दौरान कैमरों के सामने नजर आते रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के मुद्दे पर चर्चा की।
समिट के खत्म होने के बाद एक अहम, लेकिन अजीब वाकया हुआ। दरअसल, चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आमने-सामने हुए तो माहौल काफी कड़वाहट वाला दिखा। दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज और फेस एक्सप्रेशन देखकर साफ नजर आया कि किसी बात पर बहस हो रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भारत को औपचारिक तौर पर जी-20 की मेजबानी मिल गई है। दिसंबर 2022 में इसका इनॉगरल सेशन उदयपुर में होगा। राजस्थान के तीन शहर उदयपुर, जोधपुर और जयपुर में अलग-अलग मुद्दों पर कॉन्फ्रेंस होंगी। भारत 1 दिसंबर से त्र20 की अध्यक्षता करेगा। 2024 में ब्राजील इसकी प्रेसिडेंसी संभालेगा।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ प्रधानमंत्री मोदी। इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच ट्रेड रिलेशन बेहतर करने पर विचार हुआ।
बुधवार को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा के दौरान मोदी ने कहा- कई टेक इनोवेशन हमारे युग के बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन गए हैं। गरीबी से लडऩे में टेक्नोलॉजी ने काफी मदद की है। डिजिटल सॉल्यूशन क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं।
समिट खत्म होने के बाद जो बाइडेन, शी जिनपिंग और मोदी समेत तमाम हेड ऑफ स्टेट्स अपने-अपने देश रवाना हो गए।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम मीटिंग हुई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्सÓ के मुताबिक, मीटिंग से पहले बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाया और कहा- आपको देखकर बहुत खुशी हुई। इसके बाद दोनों नेता मीटिंग रूम में चले गए। बाद में एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि चीन अभी ताइवान पर हमला करने वाला है। हम हर एक्शन पर नजर रख रहे हैं।
भारत निवेशकों के लिए जाना जाता है- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, भारत निवेशकों के लिए रेड कार्पेट के लिए जाना जाता है। चाहे वह एफडीआई सुधार हो, या ड्रोन नियमों का उदारीकरण, अर्धचालक क्षेत्र में कदम, विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन प्रोत्साहन योजनाएं, व्यापार करने में आसानी के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कई बेहतरीन फैक्टर्स एक साथ आ रहे हैं।
भारत में निवेश को बढ़ावा देने पर पीएम का जोर
पीएम मोदी ने कहा, आपका निवेश और हमारी खोज चमत्कार कर सकता है। आपका विश्वास और हमारी तकनीकी चीजों को संभव बना सकती है। मैं आप सभी को हमारे साथ काम करने के लिए आमंत्रित करता हूं, क्योंकि हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में आगे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय तकनीक और खोज पहले से ही दुनिया को प्रभावित कर चुका है। लेकिन हमारा भविष्य, वर्तमान से बड़ा होगा। क्योंकि भारत युवाओं का देश है और प्रौद्योगिकी की बढ़ती पहुंच है।
दुनिया भर में जाने जाते हैं भारतीय युवा- मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय युवाओं की ताकत दुनिया भर में जानी जाती है। हमारे देश के युवाओं ने तकनीकी वैश्वीकरण और प्रतिभा वैश्वीकरण सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य, प्रबंधन, वित्त सहित अन्य क्षेत्रों में भारतीय युवाओं का दबदबा बढ़ा है। हम अपनी प्रतिभा को दुनियाभर के लिए उपयोग कर रहे हैं। और भारत में इसका प्रभाव दिखने भी लगा है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत का कद बढ़ा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत इस साल ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 40वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि 2015 में हम 81वें स्थान पर थे। उन्होंने कहा कि भारत में यूनिकार्न स्टार्ट-अप की संख्या 2021 से दोगुनी हो गई है। अब हम दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट-अप हब हैं। हमारे पास 81,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं।

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