अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा अवधेश कुमार यादव ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गोद लिए गये साफिया, ज्योति, नीलम सोनी देवी एवं प्रदीप सहित पांच टीबी रोगियों को सीएमओ ऑफिस के सभागार में निःशुल्क पुष्टाहार वितरित किया।
इस दौरान सीएमओ ने बताया कि यह एक पुनीत कार्य है। इसके लिए जिले के सभी अधिकारी गण, चिकित्सकों, कर्मचारियों, एनजीओ एवं संभ्रात परिवार बढ़चढ़ कर सहभागिता करें। जिससे लक्षित वर्ष 2025 तक जिला को टीबी रोग से मुक्त करके कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार दोहरे ने छय रोगियों को उपचार प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज 6 माह से लेकर दो साल तक का समय भी लग सकता है। इसलिए मरीजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, दवा को बीच में ना छोड़े। बीच में दवा छोड़ने से बैक्टीरिया में दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है, जिससे मरीज का इलाज काफी मुश्किल होता है। इसके बाद आम दवाएं असर नहीं करती है। उन्होंने बताया जिले में ऐसे बड़ी संख्या में मरीज है जिन्होंने टीबी इलाज का कोर्स पूरा करके रोग से मुक्ति पाई है। मरीजों को आर्थिक मदद भी दी गई है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि सरकार ने टीबी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय पोषण योजना शुरू कर एक सार्थक पहल की है। जनपद को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का दृढ़ निश्चय किया गया है।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा केएनएम त्रिपाठी, डा डीके श्रीवास्तव, डा संजय बाबू, डा सौरभ, डा राजीव दिक्षीत, डा अवधेश मौर्या, डीपीसी शिप्रा सिंह, रितेश कुमार सिंह, साचिनन्द्र कुमार, बृजेश कुमार गुप्ता, ओम प्रकाश आदि मौजूद रहे।