23 वें पुस्तक मेले के उद्घाटन, युवा नशा छोड़कर किताबें पढ़े-डीएम0

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अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़। जिलाधिकारी आजमगढ़ विशाल भारद्वाज की प्रेरणा से नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से संस्कृति, पर्यटन, एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से आयोजित 23 वें पुस्तक मेले के उद्घाटन अवसर पर आनलाइन संबोधन में प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि युवा नशा छोड़कर किताबें पढ़े, इससे सभ्यता का विकास होगा।
उन्होंने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेले की निरन्तरता इस बात का प्रमाण है कि आजमगढ़ के लोगों का साहित्य से गहरा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग उ0 प्र0 शुरूआत समिति के माध्यम से निकट भविष्य में दास्ताने पूर्वांचल का नाट्य लेखन एवं दास्ताने गोई के माध्यम से आजादी के नायकों की संघर्ष गाथा जन-जन तक पहुचाई जायेगी।
पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी आजमगढ़ श्री विशाल भारद्वाज ने कहा कि पुस्तक मेले में युवाओं की भागीदारी आजमगढ़ के बेहतर भविष्य का आश्वासन है। उन्होंने कहा कि जब समाज का युवा साहित्य पढ़ेगा, वो निश्चित रूप से श्रेष्ठ भारत का निर्माता बनेगा। उन्होंने कहा कि नदियां गाती है, प्रकृति की रक्षा में साहित्य, सरयू मैराथन, प्रकृति रक्षा में युवाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का प्रयोग है। जिलाधिकारी ने माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं गंगा समिति से जुड़े वन विभाग एवं अन्य सदस्य विभागों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अभियान आजमगढ़ का दशा व दिशा बदलेगा।
जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने कहा कि समकालीन प्रश्नों का समाधान ज्ञान के मंदिरों से निकलेगा। आजमगढ़ की धरा पर आयोजित यह किताब उत्सव विद्यार्थियों एवं युवाओं को प्रकृति रक्षा का सहयात्री बनाने का अभियान है।
डीएफओ एवं सदस्य सचिव गंगा समिति श्री जीडी मिश्रा ने कहा कि आजमगढ़ का सर्व समाज जब प्रकृति से प्रेम करेगा, बदले में प्रकृति भी आजमगढ़ के लोगों को दीघार्यु बनायेगी। उन्होंने कहा कि 8 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाटघाट बाजार के समीप निर्माणाधीन गंगोत्री प्रकृति ज्ञान संग्रहालय परिसर में सरयू उत्सव मनाया जायेगा। जिसके उपरांत लाटघाट से पुस्तक मेला परिसर तक सरयू तमसा संवाद यात्रा संयोजित होगी।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हवलदार यादव ने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेला आजमगढ़ के सर्व समाज का मेला है। 23 वर्षाे में पुस्तक मेले के माध्यम से आजमगढ़ के युवाओं ने आजमगढ़ के निर्माण में सकारात्मक भूमिका सुनिश्चित की है।
शिब्ली नेशनल इंटर कालेज के प्रधानाचार्य श्री जैद नुरूल्लाह ने कहा कि हिन्दी उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत की किताबें एक छत के नीचे आने से अदवी संगम का दर्शन हो रहा है। हमें उम्मीद है कि यह परंपरा भविष्य में भी कायम रहेगी।
इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख एवं सगड़ी विधान सभा के वरिष्ठ भाजपा नेता श्री मनीश मिश्रा ने कहा कि राष्ट् निर्माण मे युवाओं की अहम भूमिका होती है और इस तरह के मेले के संयोजन से जब युवा किताबें पढ़ेंगे तो अवश्य ही एक बेहतर राष्ट् का निर्माण होगा।
इस अवसर पर संचालन करते हुए संस्कृतकर्मी एवं लेखक श्री राजीव रंजन ने कहा कि पुस्तक मेले ने आजमगढ़ में एक पीढ़ी का निर्माण किया है। 30 वर्ष पूर्व हमने आजमगढ़ छोड़ा था, इस पुस्तक मेले की वजह से मैं यहां का वासी बना हुआ हूँ। उन्होंने कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम की पहल एवं नेतृत्व में आरंभ हुआ यह मेला आजमगढ़ की धरा पर सृजनधर्मियों का एक बड़ा समाज निर्मित किया है।
इस अवसर पर मेले का थीम ष्सांग-मत काटो मुझे बड़ा दुखता है’’ मेले के समन्नयक विकल्प रंजन द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर शिब्ली नेशनल कालेज के प्राचार्य डा. अफसर अली, इतिहास विभाग के अध्यक्ष डा. अलाउद्दीन, सामयिक कारवा के संपादक श्री रविन्द्र राय, शिब्ली नेशनल इंटर कालेज के छात्र, शिब्ली गर्ल्स इंटर कालेज की छात्राओ सहित इशिका पाठक, चांसी पाठक सहित शिब्ली कालेज के शिक्षक, विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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