नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ट्यूशन फीस हमेशा कम होनी चाहिए, क्योंकि शिक्षा लाभ कमाने का कोई व्यवसाय नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज की ट्यूशन फीस बढ़ाने वाले आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता नारायण मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले तय की गई फीस को बढ़ाकर सात गुना अधिक करना उचित नहीं है।
हाईकोर्ट ने 2017 में लगा दी थी रोक
दरअसल, आंध्र प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस बढ़ाकर 24 लाख रुपए महीने कर दी थी। छात्रों ने सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि आंध्र प्रदेश प्रवेश और शुल्क नियामक समिति नियम, 2006 के प्रावधानों पर विचार करते हुए समिति की सिफारिशों के बिना फीस नहीं बढ़ाई जा सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने 6 सितंबर 2017 को सरकार के फैसले पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर लगाया 5 लाख का जुर्माना
इसके बाद कॉलेज और राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस एम आर शाह और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाकर गलती नहीं की है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता नारायण मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने जुर्माने की रकम छह सप्ताह के भीतर जमा करने का आदेश दिया है
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