नाग का हार नाटक का हुआ मंचन,कलाकारों के अभिनय को मिली सराहना

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अवधनामा संवाददाता

सिद्धचक्र महामण्डल विधान में बह रही धर्म की बयार
चतुर्थ दिवस के कार्यक्रम में समर्पित किये गए 64 अर्घ

मड़ावरा (ललितपुर)। कस्वा मड़ावरा के महावीर विद्याविहार में आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज के मंगल आशीर्वाद व निर्यापक श्रमण मुनि अभय सागर, प्रभात सागर, निरीह सागरजी के पावन सानिध्य में व बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया के निर्देशन में बजाज परिवार के सौजन्य से आयोजित किये जा रहे सिद्धचक्र महामण्डल विधान में महती धर्मप्रभावना हो रही है नित्य प्रति हो रहे धार्मिक आयोजनों से धर्म की बयार बह रही है रात्रि कालीन आयोजनों की श्रृंखला में श्रद्धालुओं द्वारा नाग का हार नाटिका का मंचन किया गया जिसकी उपस्तिथ दर्शकों द्वारा सराहना की गयी। उल्लेखनीय है कि धर्मनगरी मड़ावरा में एक से 8 नवम्बर तक विधान पुण्यार्जक विमलेश कुमार संतोष कुमार बजाज परिवार के सौजन्य से सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन महती धर्म प्रभावना के साथ की जा रही है। आयोजन में प्रतिदिन बड़े ही भक्तिभाव पूर्वक नित्य नियम पूजन भक्ति आदि करते हुए सिद्धचक्र विधान के अर्घ्य जिनेन्द्र प्रभु को समर्पित किये जा रहे हैं। चतुर्थ दिवस के विधान में श्रद्धालुओं द्वारा 64 अर्घ्य समर्पित किये गए भगवान जिनेन्द्र देव की शांतिधारा करने का सौभाग्य पन्ना लाल नीरज बजाज, कपूर चंद्र जितेंद्र कुमार, आशीष कुमार गोना, अशोक कुमार, सनत कुमार, संजय कुमार ललितपुर, प्रमोद जैन राजेश जैन गुरसराय, पदम चंद्र, रत्नेश कुमार, प्रवीण कुमार मड़ावरा, विमलेश जैन, संतोष जैन बंटी पुण्यार्जक परिवार को प्राप्त हुआ। सांध्यकालीन महाआरती करने का सौभाग्य पन्नालाल नीरज कुमार बजाज को प्राप्त हुआ। सांध्यकालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में आरती भक्ति के उपरांत स्थानीय कलाकारों द्वारा नाग का हार नाटिका का मंचन किया गया। नाटिका में किये गए अभिनय व उसके महात्म्य को बताते हुए संचालक द्वारा बताया कि एक सेठ की सोमा नाम की पुत्री थी जिससे कपट करके एक शराबी जुआरी पूर्व से ही विवाहित व्यक्ति द्वारा विवाह कर लिया गया चूंकि सेठ की इकलौती पुत्री थी और उसकी बेसुमार जायदाद को हड़पने के उद्देश्य से उक्त कपटी व्यक्ति और उसकी दूसरी पत्नी की माँ ने धार्मिक सुशील नियम संयम पर चलने वाली सोमा को मारने की साजिश रची और एक घड़े में एक विषैला नाग रख दिया और उसे दे दिया घड़े में सोमा द्वारा हाथ डालने पर वह नाग हार में परिवर्तित हो गया जो कि सोमा के धर्म की ताकत थी कि जिस नाग को सोमा की मृत्यु के लिए प्रयोग किया गया वह हार में बदल गया नाटिका में किये गए अभिनय को सभी ने सराहा।आयोजक मण्डल ने बताया कि सिद्धचक्र महामण्डल विधान के कार्यक्रमों में नित्य प्रतिदिन ही नियम पूजन भक्ति के साथ ही सांध्यकालीन महाआरती भोपाल से आये संगीतकार भूपेंद्र एंड पार्टी की सुमधुर स्वर लहरियों के साथ की जा रही है तदउपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा रहे हैं। कार्यक्रमों की श्रृंखला में शनिवार को सती चन्दनवाला की नाटिका का मंचन किया जाएगा आयोजन में सकल दिगम्बर जैन समाज व चातुर्माश व्यवस्था समिति का पूर्ण मनोभाव से सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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