हांगकांग। उत्तर-पश्चिमी चीन में एक बंद आवासीय परिसर में संदिग्ध गैस के रिसाव होने से तीन साल के बच्चे की मौत हो गई है। बंद आवासीय परिसर में बच्चे की मौत का कारण राष्ट्रपति शी चिनफिंग की कठोर शून्य- कोविड नीति को माना जा रहा है। बच्चे की मौत ने देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने यह जानकारी दी है। मृत बच्चे के पिता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर इलाज में देरी होने के कारण अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि कोविड कार्यकर्ताओं ने सख्त कोविड मानदंड का हवाला देते हुए उसे गांसु प्रांत की राजधानी लांझोउ (Lanzhou) में अपने परिसर से बाहर निकलने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने लिखा, ‘अगर मेरे बच्चे को समय पर अस्पताल ले जाया गया होता तो वह बच सकता था।’ इस घटनाक्रम के बाद लोगों ने सार्वजनिक शोक व्यक्त करते हुए कठोर शून्य- कोविड नीति पर गुस्सा जाहिर की है। मालूम हो कि वीबो ट्विटर जैसा ही चीन का एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। इस पोस्ट को अब तक करोड़ो बार देखा जा चुका है।
सीएनएन ने उस व्यक्ति के सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए बताया कि संदिग्घ गैस के रिसाव से बच्चा और मां दोनों बीमार पड़ गए। मां के तबीयत में सुधार हुआ लेकिन तीन साल के बच्चे ने जहरीली गैस के रिसाव के कारण से तम तोड़ दिया। मालूम हो कि चीन में रोजाना कोरोना संक्रमण के लगभग 1000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जिसके कारण सरकार ने शून्य कोविड नीति को लागू कर दिया है। इस नीति के कारण चीनी लोगों में भय, क्रोध और भ्रम पैदा हो गया है। चीन की जीरो कोविड नीति के कारण हजारों नागरिक अमानवीय परिस्थितियों में जीने को मजबूर है।