अधिकारी सीएम को अल्पसंख्यकों से दूर कर रहे हैं:डा.अम्मार
कहा कि उनका बंगला ऐतिहासिक कृपलानी म्युजियम बने
मार्केट रेट से ६० हजार किराया देते हैं, ईद बाद खाली कर देंगे
सैयद निजाम अली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डा.अम्मार रिजवी ने कहा कि कुछ अधिकारी साजिशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अल्पसंख्यकों से दूर करके उनको बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। वह आज रात यहां अवधनामा से विशेष बातचीत कर रहे थे।
अवधनामा द्वारा उनसे उनके सरकारी बंगले ११ गौतम पल्ली के विवाद के बारे में पूछे जाने पर डा.अम्मार रिजवी ने कहा कि यह बंगला १९७४ में जब वह शिक्षा व संसदीय कार्य मंत्री थे तब उनको तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने आवंटित किया था। और वह इसमें २००८ तक रहे। बाद में फिर अखिलेश यादव ने उनकी संस्था अवध ग्रामीण कृषक सेवा संस्थान जो कि एक अल्पसंख्यक संस्था है के नाम आंवटित कर दिया था। इसी के तहत मौलाना आजाद रुरल यूविॢसटी, नवाब जहां इंस्टीट्यूट आफ लीगल इंस्टडीज, मदर टेरेसा इंस्टीट्यूट आफ जनरल स्टडीज आदि संस्थाएं जो पिछड़े इलाके में काम कर रही हैं। मौजूदा सरकार ने उनको यह बंगला आंवटित नहीं किया और कहा कि इसे ५ मार्च तक खाली कर दे। इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि आप इसमें रहिए आप की संस्था काम कर रही है। कोई परेशानी हो तो बताइयेंगा।
डा.रिजवी ने कहा कि वह इस बंगले का किराया मार्केट रेट पर ६० हजार रुपये महीने देते है जबकि कोई भी आंवटी मार्केट रेट पर राज्य संपत्ति विभाग को किराया नहीं देता। कहा कि उन्होंने खुद राज्य संपत्ति विभाग से कहा है कि वह २० जून को यह बंगला ईद के बाद खाली कर देंगे। यहां पर ईद मिलन व होली मिलन समारोह होता जिसमें राज्यपाल आते है। सुप्रीम कोर्ट का भी कहना है कि जो मार्केट रेट पर किराया दे रहा है उसको न हटाये। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब अखिलेश सरकार ने कानून में संशोधन किया था तो उसमें से समितियों को हटा दिया गया था। इसलिए यह बंगला पाने के लिए वह इनटाइटिल हो जाते हैं।
अवधनामा द्वारा इस बंगले के महत्व के बारे में जब पूछा गया तो डा.अम्मार रिजवी ने कहा कि यह बंगला ऐतिहासिक है। इसमें पहले मुख्यमंत्री डा.सुचेता कृपलानी रहती थी और एक कमरे में उनके पति व मशहूर समाजवादी नेता आचार्य कृपलानी रहते थे और यहां पर छह प्रधानमंत्री जिसमें पंडित जवाहर लाल नेहरू भी थे, २३ राज्यपाल, १३ अमरीकी राजदूत, ११ ब्रिटेन के उच्चायुक्त, जयप्रकाश नारायण, डा.राम मनोहर
लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, गोविंदवल्लभ पंत, डा.संपूर्णानंद आते रहे हैं। डा.रिजवी ने कहा कि उन्होंने इसके बारे में प्रधानमंत्री और डा.लाल कृष्ण आडवाणी को पत्र लिखकर कहाा कि इसे आचार्य कृपलानी म्युजियम बडा. रिजवी ने कहा कि वह दो बार कार्यवाहक मुख्यमंत्री, पांच बार संसदीय कार्य और शिक्षा मंत्री
और तीन बार राज्य संपत्ति विभाग के मंत्री रहे। उन्होंने कहा कि वह १९७४ से ७७ तक फिर १९८० से १९८९ तक मंत्री रहे। डा.रिजवी ने कहा कि राज्यपाल व मुख्यमंत्री से उनके संबंध काफी मधुर है लेकिन कुछ अफसर चाहते है कि मुख्यमंत्री मुझसे दूर रहे क्योंकि मैं मुसलमान व कांग्रेस का नेता हूं।
अदालत की अवमानना के बारे में पूछे जाने पर डा.रिजवी ने कहा कि जब राज्य सरकार ने मुझे यह बंगला दोबारा आवंटित नहीं किया तो मैं अदालत चला गया और राज्य संपत्ति विभाग को अप्रैल २०१८ तक ६० हजार रुपये प्रति माह मार्केट रेट पर किराया दिया इसकी सभी रसीदें मेरे पास है।अगर हमने कोई अदालत की अवमानना की तो राज्य संपत्ति विभाग अदालत जाये। लेकिन बार-बार कुछ अखबारों के माध्यम से यह न भ्रमित करवाये कि पुलिस फोर्स के जरिये बंगला खाली कराया जायेगा।
यह हमारे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।उन्होंने यह भी कहा कि बंगला खाली करने के बारे में राज्य संपत्ति विभाग ने उनको कोई नोटिस नहीं भेजा है।
डा. रिजवी ने राज्य संपत्ति विभाग से पूछा है कि वह क्या उन लोगो की सूची प्रकाशित करेगा जिन्होंने कई सालों से अपने बंगलों का किराया नहीं जमा किया है। कहा कि वह इस बंगले में ३६ साल से रह रहे हैं। डा.रिजवी ने कहा कि अधिकारियों की एक विशेष लाबी मुख्यमंत्री को साजिशन लगातार गुमराह कर रही है इसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पर्यटन विभाग की सॢकट सूची से सूफी सर्किट के बारे में गुमराह किया था लेकिन बाद में योगी जी ने सूफी सॢकट को इसमें शामिल करवाया।
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