गौ वंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ अभ्यारण्य योजना ने पकड़ी रफ्तार

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में किसानो के अन्ना पशुओ की समस्या के निराकरण और -निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए शुरू की गई गो-अभयारण्य परियोजना रफ्तार पकड़ने लगी है। उत्तर प्रदेश शासन के कृषक  समृद्धि आयोग के सदस्य कुलजीत  सिंह ने बताया है की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई परियोजना योजना  प्रदेश में विस्तार पाने लगी है।
गोवंश के  संवर्धन और संरक्षण के लिए शुरू की गई इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला  प्रदेश में 29 जनवरी 2020 को  मिर्जापुर जिले के हलिया ब्लॉक में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसकी आधारशिला रखने से हुआ था। कोरोना काल में सरकार की प्राथमिकता कोविड से लोगो को बचाना होने की वजह से इस योजना पर शासन केन्द्रित नहीं हो सका था। कोविड की वजह से रुकी पड़ी इस योजना को सरकार तेजी लाना चाहती है।
 प्रदेश में गो अभयारण्य परियोजना के तहत 30 गो अभ्यारण बनाने की सरकार की मंशा है। जिसके लिए सरकार तत्परता से काम कर रही है। ये गो अभयारण्य नदियों की तलहटी में उपलब्ध जमीन पर बनाये जा रहे है। इन अभयारण्यों के चारों तरफ चारदीवारी खड़ी करने का प्रस्ताव है। इनके  चारे के लिए इनके अन्दर चार चारा  स्थल बनाए जाएंगे।  गो अभयारण्य में  नदियों के जल की उपलब्धि की वजह से इन गो वंशियो को यहाँ पानी उपलब्ध रहेगा।
प्रयागराज के जिला पशुधन अधिकारी आर पी राय बताते है की अभ्यारण्य में पशुओं के चारे की  समस्या के लिए खाली पड़ी सरकारी जमीनों का इस्तेमाल छुट्टा पशुओं के लिए चारे को उगाने में किया जाएगा। गौरतलब है की प्रदेश के  राज्य सरकार राजस्व रिकॉर्ड में पशुओ की चराई के लिए रखी गई 65,000 हेक्टेयर भूमि है जिसका उपयोग  पशुओं के लिए चारा उगाने के लिए किया जा सकता है। गौ अभयारण्यों के लिए सरकार ने सम्बंधित जिलो के जिलाधिकारियों से कहा है कि वे अपने अपने अधिकार क्षेत्र में जल निकायों के प्रावधान के साथ उपलब्ध वन क्षेत्रों की पहचान भी करें।
उत्तर प्रदेश के कई जिलो के ग्रामीण इलाको में छुट्टा पशुओ की समस्या से किसान परेशान है। प्रदेश के बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में यह अन्ना पशुओं की समस्या के नाम से जानी जाती है जो यहाँ के किसानो के लिए सबसे बड़ी समस्या के तौर पर सामने आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या समाधान करने का प्रयास कर रहे है। प्रदेश में 2019 में छुट्टा पशुओं के को लेकर किये गए  एक सर्वे  प्रदेश में निराश्रित गो वंश  की संख्या 12 लाख थी। प्रदेश सरकार का दावा है कि पिछले 5 वर्षों में इनमें से 9 लाख 70 हजार छुट्टा पशुओ  को आश्रय दिया गया है।
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