अवधनामा संवाददाता
15044 कनेक्शनों से ग्रामों में होगी पेयजल आपूर्ति, पेयजल संकट का होगा समाधान
ग्रामीणों को घरौनी की दी गई जानकारी, घर जाकर जाना लोगों का हाल-चाल
ललितपुर। दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ.प्र./नोडल अधिकारी जनपद ललितपुर शशिभूषण लाल सुशील राजघाट बांध परियोजना एवं लागौन ग्राम समूह पेयजल योजना का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के क्रम में नोडल अधिकारी सर्वप्रथम राजघाट बांध पहुंचे, यहां पर उन्होंने लागौन ग्राम समूह पेयजल योजना के इंटेक वेल को देखा, मौके पर फ्लोटिंग जेटी टाइप इन्टेकवेल का कार्य लगभग पूर्ण पाया गया। कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों ने योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी, साथ ही बांध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस बांध की क्षमता 03 लाख 60 हजार मिलयन लीटर है, बांध से 15 मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी निकाला जाएगा, जिसके लिए जल बोर्ड से स्वीकृति ली गई है। बांध में गर्मी के मौसम में भी पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहती है। वर्तमान में इंटेक वेल के लिए विद्युत संयोजन का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि बांध का कैचमेंट एरिया 30 किमी है। मौके पर उपस्थित अधि.अभि. जल निगम अवनीश सिंह ने बताया कि आज इस परियोजना से टेस्टिंग के रुप में पेयजल आपूर्ति की गई है, जिसके फलस्वरुप गांवो में लोगों के घरो तक पानी की आपूर्ति हुई है। इसके उपरान्त नोडल अधिकारी ने राजघाट बांध के पावर हाउस को देखा एवं बांध के सौंदर्य का अवलोकन किया। परियोजना से पानी की आपूर्ति के सत्यापन हेतु नोडल अधिकारी कालापहाड़ ग्राम पहुंचे, यहां पर रास्ते में गौवंशों का एक समूह गुजरता हुआ मिला, जिसमें से एक गाय के शरीर पर गाठें थीं, इस पर तत्काल नोडल अधिकारी ने सीडीओ और डीपीआरओ को गौवंश का पृथक कर बंधवाया एवं मौके पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को गौवंश का परीक्षण करने के निर्देश दिये। परीक्षोपरान्त गौवंश में लम्पी रोग की पुष्टि नहीं हुई, बताया गया कि यह गाठें किसी एजर्ली के कारण बनी है। इसके उपरान्त उन्होंने ग्रामीणों से घरों में नल कनेक्शन का सत्यापन किया, जिस पर ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि आज नलों में पानी आया है, उन्होंने पानी भरकर उपयोग भी किया है, परन्तु कहीं-कहीं पानी में कम प्रेसर की बात बताई गई, जिस पर नोडल अधि.अभि. जल निगम एवं कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये कि पानी की आपूर्ति पूर्ण क्षमता के साथ की जाये ताकि दुरस्त ग्रामों तक पानी प्रेसर के साथ पहुंच सके। नोडल अधिकारी ने ग्राम में योजना के अन्तर्गत 15 एमएलडी क्षमता के वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने केस्केड एरिएटर, फ्लैक्स मिक्सचर, सीएलएफ, फिल्टर वेड एवं सीडबलूआर को देखा। मौके पर केस्केड एरियेटर में रॉ-वाटर की आपूर्ति चालू थी, सीएलएफ में निरीक्षण के दौरान पानी भरा हुआ था, जिसके सम्बन्ध में गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटिड के सहायक महा प्रबन्ध के द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त रॉ-वाटर हाइड्रोटेस्टिंग हेतु भरा गया था। कैम्पस में निर्मित 1400 कि.ली. क्षमता के सीडब्लूआर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पम्पों के अधिष्ठापन का कार्य पूर्ण पाया गया एवं एक पम्प चलाकर कैम्पस में स्थित अवर जलाशय को भरा जा रहा था। लैब के निरीक्षण में पाया गया कि यहां सीसी क्यूब बनाया का परीक्षण किया जाता है। मौके पर कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये गए कि योजना में छूटे हुए घरों में भी नल का कनेक्शन दिया जाए, साथ ही योजना कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करें। इसी क्रम में नोडल अधिकारी ने ग्राम मड़वारी पहुंचकर ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं, उन्होंने ग्रामीणों से घरौनी वितरण के बारे पूछा, जिस पर फूलसिंह, कैलाश और रतिराम ने अवगत कराया कि उन्हें घरौनी नहीं मिली। जिस पर नोडल अधिकारी ने ग्राम लेखपाल को तलब करते हुए निर्देश दिये कि 20 अक्टूबर 2022 को कैम्प लगाकर छूटे हुए लोगों की सूची बनाकर उपलब्ध करायें। मौके ग्रामीण बहादुर सिंह ने नोडल अधिकारी के समक्ष घरौनी के बारे में जानकारी देने की इच्छा व्यक्त की, जिस पर सम्बंधित लेखपाल द्वारा घरौनी के बारे में लोगों को बताया गया, इसके उपरान्त उन्होंने ग्राम के पंचायत भवन पहुंचकर घरौनी प्रपत्रों का अवलोकन किया, साथ ही उपस्थित ग्रामीणों से वार्ता की।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) लवकुश त्रिपाठी, अधिशासी अभियन्ता, जल निगम अवनीश सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी नवीन मिश्रा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।