2022 में कांस्य जीतकर देश को गौरवान्वित कियाबैंगलोर: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एन अखिलेश और एसएन कार्तिक गौड़ा ने 4
से 7 अक्टूबर 2022 तक जर्मनी में आयोजित विश्व कौशल प्रतियोगिता के दौरान मेक्ट्रोनिक्स कौशल में
कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। इस तरह देश के "स्किल इंडिया" (कौशल भारत) कार्यक्रम
में योगदान को अच्छा बढ़ावा मिला है। इनका चुनाव पहले एक आंतरिक कौशल प्रतियोगिता के जरिए हुआ था
फिर इन लोगों ने जिला, जोनल, राज्य, क्षेत्रीय और भारत कौशल प्रतियोगिता में जगह बनाई।
विश्व कौशल प्रतियोगिता की शुरुआत 1950 में हुई थी। यह कौशल उत्कृष्टता और विकास का वैश्विक केंद्र है।
यह कौशल प्रबंधन से संबंधित प्रासंगिक और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार, शिक्षा, उद्योग और
एसोसिएशन के अग्रणी लोगों के लिए वैश्विक स्थान है।
प्रतिभागियों का चयन राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) और भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल
परिषद (ईएसएससीआई) के तत्वावधान में एक राष्ट्रव्यापी स्क्रीनिंग प्रक्रिया के जरिये किया गया था। विश्व
कौशल प्रतियोगिता के दौरान भारत, जापान, कोरिया, चीनी ताइपे, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम
आदि सहित 26 देशों के प्रतिभागियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। मेकाट्रोनिक्स कौशल श्रेणी में भारत ने
कांस्य, चीनी ताइपे ने रजत और जापान ने स्वर्ण पदक जीता।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के वाइस प्रेसिडेंट, मानव संसाधन और सेवाएं, श्री जी शंकर ने कहा:
"वर्ल्डस्किल्स में श्री एन अखिलेश और श्री एसएन कार्तिक गौड़ा की जीत ने हमारी कौशल विकास पहल को
बहुत जरूरी बढ़ावा दिया है। टोयोटा में, हम मानव विकास में महत्वपूर्ण प्रयास और निवेश करके एक
आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए समर्पित हैं। टोयोटा के मानव
विकास के प्रयास कंपनी के इस विश्वास से उपजे हैं कि इसकी सबसे मूल्यवान संपत्ति इसके लोग हैं और ये
पहल ज्ञान को साझा करके तथा युवावों को विश्व स्तरीय तकनीशियनों में विकसित करके 'सभी के लिए
सामूहिक खुशी का उत्पादन' करने के हमारे मिशन में योगदान करती हैं। नतीजतन, हम आत्मानिर्भर भारत
को साकार करने की नींव के रूप में कौशल विकास को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं। स्किल इंडिया मिशन के
माध्यम से युवा दिमाग को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए हम कर्नाटक सरकार और भारत सरकार
को धन्यवाद देते हैं।"
हाल में टीकेएम के लिकिथ कुमार वाईपी ने 7 से 9 सितंबर 2022 तक स्विट्जरलैंड में आयोजित प्रोटोटाइप
मॉडलिंग स्किल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।उभरते भारतीय ऑटो उद्योग के लिए विश्व स्तरीय कुशल कार्यबल विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता के
एक हिस्से के रूप में, टोयोटा ने 2007 में टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) की स्थापना की, जो
कर्नाटक राज्य के ग्रामीण इलाकों से आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए ऑटोमोबाइल असेंबली,
ऑटोमोबाइल पेंट, ऑटोमोबाइल वेल्ड और मेक्ट्रोनिक्स में तीन साल का कठोर, पूर्णकालिक प्रशिक्षण प्रदान
करता है। टीकेएम द्वारा स्थापित यह तीन साल का मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल ज्ञान और
कौशल पर बल्कि शरीर और दिमाग के विकास पर भी केंद्रित है। टीटीटीआई को नेशनल काउंसिल ऑफ
वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी), जापान-इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मैन्युफैक्चरिंग (जेआईएम), ऑटोमोटिव स्किल
डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
टीकेएम ने टीटीटीआई का एक बड़ा विस्तार किया है और इसकी क्षमता 200 से 1,200 छात्रों (शैक्षणिक बैच-
वार) की हो गई है। यह संस्थान के विश्व स्तर पर प्रमाणित कुशल संकाय सदस्यों द्वारा उन्नत
प्रौद्योगिकियों के लिए छात्रों के कौशल सेट को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ अपने बिडाडी संयंत्र में मौजूद
कौशल सुविधा को बड़ा बढ़ावा देगा।
टीकेएम ने विभिन्न कौशल विकास पहल के माध्यम से 77,360 से अधिक रोजगार योग्य युवाओं को
प्रशिक्षित किया है। टीकेएम वर्तमान में कर्नाटक के 31 जिलों के प्रत्येक जिले में एक औद्योगिक प्रशिक्षण
संस्थान (आईटीआई) स्थापित करने पर काम कर रहा है। टीकेएम टोयोटा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम (टीटीईपी)
के माध्यम से 22 भारतीय राज्यों के 53 संस्थानों में छात्रों को प्रशिक्षित करना जारी रखे हुए है। टीटीईपी पहल
का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों के कौशल सेट को बढ़ाना है जो जमीनी स्तर से प्रतिभा पूल को मजबूत करेगा और
युवाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही टोयोटा के डीलर इन
छात्रों को ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग देकर भी सपोर्ट करते हैं। छात्रों और संकाय सदस्यों को कौशल विकास प्रदान
करने के लिए टीकेएम ने कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हरियाणा, नई दिल्ली और तेलंगाना
की सरकारों के साथ भी सहयोग किया है। टीकेएम की कौशल पहुंच पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, जिसके
परिणामस्वरूप विश्व स्तरीय कौशल चैंपियन बने हैं।
से 7 अक्टूबर 2022 तक जर्मनी में आयोजित विश्व कौशल प्रतियोगिता के दौरान मेक्ट्रोनिक्स कौशल में
कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। इस तरह देश के "स्किल इंडिया" (कौशल भारत) कार्यक्रम
में योगदान को अच्छा बढ़ावा मिला है। इनका चुनाव पहले एक आंतरिक कौशल प्रतियोगिता के जरिए हुआ था
फिर इन लोगों ने जिला, जोनल, राज्य, क्षेत्रीय और भारत कौशल प्रतियोगिता में जगह बनाई।
विश्व कौशल प्रतियोगिता की शुरुआत 1950 में हुई थी। यह कौशल उत्कृष्टता और विकास का वैश्विक केंद्र है।
यह कौशल प्रबंधन से संबंधित प्रासंगिक और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार, शिक्षा, उद्योग और
एसोसिएशन के अग्रणी लोगों के लिए वैश्विक स्थान है।
प्रतिभागियों का चयन राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) और भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल
परिषद (ईएसएससीआई) के तत्वावधान में एक राष्ट्रव्यापी स्क्रीनिंग प्रक्रिया के जरिये किया गया था। विश्व
कौशल प्रतियोगिता के दौरान भारत, जापान, कोरिया, चीनी ताइपे, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम
आदि सहित 26 देशों के प्रतिभागियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। मेकाट्रोनिक्स कौशल श्रेणी में भारत ने
कांस्य, चीनी ताइपे ने रजत और जापान ने स्वर्ण पदक जीता।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के वाइस प्रेसिडेंट, मानव संसाधन और सेवाएं, श्री जी शंकर ने कहा:
"वर्ल्डस्किल्स में श्री एन अखिलेश और श्री एसएन कार्तिक गौड़ा की जीत ने हमारी कौशल विकास पहल को
बहुत जरूरी बढ़ावा दिया है। टोयोटा में, हम मानव विकास में महत्वपूर्ण प्रयास और निवेश करके एक
आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए समर्पित हैं। टोयोटा के मानव
विकास के प्रयास कंपनी के इस विश्वास से उपजे हैं कि इसकी सबसे मूल्यवान संपत्ति इसके लोग हैं और ये
पहल ज्ञान को साझा करके तथा युवावों को विश्व स्तरीय तकनीशियनों में विकसित करके 'सभी के लिए
सामूहिक खुशी का उत्पादन' करने के हमारे मिशन में योगदान करती हैं। नतीजतन, हम आत्मानिर्भर भारत
को साकार करने की नींव के रूप में कौशल विकास को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं। स्किल इंडिया मिशन के
माध्यम से युवा दिमाग को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए हम कर्नाटक सरकार और भारत सरकार
को धन्यवाद देते हैं।"
हाल में टीकेएम के लिकिथ कुमार वाईपी ने 7 से 9 सितंबर 2022 तक स्विट्जरलैंड में आयोजित प्रोटोटाइप
मॉडलिंग स्किल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।उभरते भारतीय ऑटो उद्योग के लिए विश्व स्तरीय कुशल कार्यबल विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता के
एक हिस्से के रूप में, टोयोटा ने 2007 में टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) की स्थापना की, जो
कर्नाटक राज्य के ग्रामीण इलाकों से आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए ऑटोमोबाइल असेंबली,
ऑटोमोबाइल पेंट, ऑटोमोबाइल वेल्ड और मेक्ट्रोनिक्स में तीन साल का कठोर, पूर्णकालिक प्रशिक्षण प्रदान
करता है। टीकेएम द्वारा स्थापित यह तीन साल का मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल ज्ञान और
कौशल पर बल्कि शरीर और दिमाग के विकास पर भी केंद्रित है। टीटीटीआई को नेशनल काउंसिल ऑफ
वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी), जापान-इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मैन्युफैक्चरिंग (जेआईएम), ऑटोमोटिव स्किल
डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
टीकेएम ने टीटीटीआई का एक बड़ा विस्तार किया है और इसकी क्षमता 200 से 1,200 छात्रों (शैक्षणिक बैच-
वार) की हो गई है। यह संस्थान के विश्व स्तर पर प्रमाणित कुशल संकाय सदस्यों द्वारा उन्नत
प्रौद्योगिकियों के लिए छात्रों के कौशल सेट को बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ अपने बिडाडी संयंत्र में मौजूद
कौशल सुविधा को बड़ा बढ़ावा देगा।
टीकेएम ने विभिन्न कौशल विकास पहल के माध्यम से 77,360 से अधिक रोजगार योग्य युवाओं को
प्रशिक्षित किया है। टीकेएम वर्तमान में कर्नाटक के 31 जिलों के प्रत्येक जिले में एक औद्योगिक प्रशिक्षण
संस्थान (आईटीआई) स्थापित करने पर काम कर रहा है। टीकेएम टोयोटा तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम (टीटीईपी)
के माध्यम से 22 भारतीय राज्यों के 53 संस्थानों में छात्रों को प्रशिक्षित करना जारी रखे हुए है। टीटीईपी पहल
का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों के कौशल सेट को बढ़ाना है जो जमीनी स्तर से प्रतिभा पूल को मजबूत करेगा और
युवाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही टोयोटा के डीलर इन
छात्रों को ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग देकर भी सपोर्ट करते हैं। छात्रों और संकाय सदस्यों को कौशल विकास प्रदान
करने के लिए टीकेएम ने कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हरियाणा, नई दिल्ली और तेलंगाना
की सरकारों के साथ भी सहयोग किया है। टीकेएम की कौशल पहुंच पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, जिसके
परिणामस्वरूप विश्व स्तरीय कौशल चैंपियन बने हैं।
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