अवधनामा संवाददाता
लखनऊ: फ्लैगशिप आउटपोस्ट, सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध नवाबों की इस नगरी में अपने दरवाज़े खोल रहा है एक ऐसे रेस्टोरेंट के लिए जो रोज़मर्रा के जीवन में हर किसी का पसंदीदा है। ईरानी कैफे 2.7 मुंबई में स्थानीय पारसी कैफेज़ की दम तोड़ती धरोहर को एक श्रद्धांजलि है और यह बीते हुए कल के जोश, अनूठेपन और हलचल का शानदार प्रतीक है। यह रेस्ट्रो विंटेज और मॉडर्न डिज़ाइन का मिक्स है जो इसे शहर के सभी आयु वर्ग व पसंद के लोगों के लिए मिलने की शानदार जगह बनाता है।
ईरानी कैफे 2.7 की फाउंडर पूजा रावत सेठी ने बताया, ”दुनिया भर के हमारे ग्राहकों के लिए ईरानी कैफे 2.7 के दरवाज़े खोलकर हम बहुत उत्साहित महसूस कर रहे हैं। इसका माहौल और मेन्यू ग्राहकों को इनोवेटिव स्थानीय व्यंजनों- पारसी व आधुनिक भारतीय- का विकल्प देता है जिन्हें देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पसंद किया जाता है।”
शहर का दिल कहलाने वाले हिस्से में हाल में खुला यह अपस्केल रेस्टोरेंट अपने इंटीरियर्स, माहौल और मेन्यू के साथ इस शहर की चिरकालिक वास्तुकला धरोहर का जश्न मनाता है। यहां किताबों के शौकीनों के लिए समर्पित एक अलग सेक्शन है जहां वे अंदर एक शानदार सेटिंग में शांति से बैठकर पढ़ सकते हैं और गोमती नगर में होने के कारण यह कॉलेज के छात्रों, कॉर्पोरेट मीटिंग्स, पारिवारिक समारोह, लंच, शाम की कॉफी और डिनर के लिए बिल्कुल उपयुक्त जगह है। इसका चिक और जोशीला इंटीरियर अपने आप में एक नया अनुभव देता है और रेट्रो प्रॉप्स, एंटीक कलेक्शंस जैसे केरोसीन से चलने वाले पंखे, रेलवे की वज़न तोलने की मशीन, ओरिजिनल मर्फी रेडियो, एंटीक वासेज़, बर्तन, ग्रामोफोन, फोन, टाइपराइटर्स और ऐसी कई पुरानी वस्तुओं के ज़रिए यह बीते ज़माने की यादें ताज़ा करता है।
यह रेस्टोरेंट डाइनिंग टेबल पर भोजन का लुत्फ उठाने और बेशकीमती यादें बनाने का अवसर देने के ज़रिए लोगों के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह बात इसकी सजावट में भी देखी जा सकती है। विस्तृत मेन्यू के साथ यह रेस्टोरेंट चुन-चुनकर बनाए गए स्वादिष्ट व्यंजनों को परोसने के लिए तैयार है और इनमें से कुछ व्यंजन ऐसे हैं जिन्हें हमेशा पसंद की जाने वाली खानदानी रेसिपी से बनाया जाता है। ईरानी कैफे 2.7 स्थानीय खेतों से बेहतरीन गुणवत्ता वाली और ताज़ी सामग्री खरीदकर बड़े पैमाने पर स्थानीय समुदायों को सपोर्ट करता है और इस तरह समाज निर्माण में भी योगदान करता है।
बेहद सावधानी के साथ डिज़ाइन किया गया यह मेन्यू कस्टमाइज़ है जिसमें सल्ली मारघी, मजलिसी कबाब, इस क्षेत्र में बेहद पसंद किया जाने वाला निमोना ए लौंगलता और नवरत्न कबाब भी शामिल हैं, जो मेहमानों को पारसी++ युग के स्वादिष्ट व्यंजनों की दुनिया में ले जाते हैं। इसके साथ ही, इनोवेटिव कैफे ऐंड बेवरेज मेन्यू में कैफे की स्पेशिएलिटी कॉफी व ईरानी चाय भी है और चाय व कॉफी के दीवाने क्रोसां, सैंडविच व बर्गर के साथ इनका लुत्फ उठा सकते हैं। इसका गर्मजोशी से भरा और खुशनुमा माहौल आपका दिल जीत लेगा और आपको बार-बार यहां आने पर मजबूर करेगा।
नवाबों की नगरी हमेशा ही अपने असली व्यंजनों, स्ट्रीट फूड और हमेशा दिल जीतने वाली तहज़ीब के लिए मशहूर रही है। इसके अलावा, सोशल मीडिया व इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के कारण उत्तर प्रदेश के मिलेनियल्स भी कई नई चीज़ों से वाकिफ हो रहे हैं और अब ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए कई नए कैफे व रेस्टोरेंट्स खुलने से लखनऊ का माहौल भी बदल गया है।
लखनऊ में काफी आकर्षण हैं विशेष तौर पर उन नवाबों के लिए जिन्हें बेहद सभ्य, प्यारे बगीचों, बैलेड्स, संगीत और बेहतरीन पाक कला वाली ईरानी संस्कृति पसंद है।
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