मोतीचक के आठ पंचायत सहायकों ने दिया इस्तिफा, दो गांवों में भी फंसा पेंच

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अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। सरकारी नौकरी के लालच में युवाओं ने पहले पंचायत सहायक पद पर आवेदन कर नौकरी तो पा ली, लेकिन अब छह हजार वेतन और आठ घंटे की नौकरी के दबाव में कुछ महीनों नौकरी करने के बाद अधिकतर नौकरी छोड़ रहे हैं। इस तरह का मामला कुशीनगर जिले के विकास खंड मोतीचक का है जहाँ आठ पंचायत सहायकों ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया।
बतादें कि गांवों में मिनी सचिवालयों के लिए पंचायत सहायक के पद पर युवाओं ने धड़ाधड़ आवेदन किए। पंचायत सहायक के लिए योग्यता 10वीं या 12वीं थी, लेकिन स्नातक और परास्नातक, एमबीए यहां तक की गोल्ड मेडलिस्ट और यूपीएससी की तैयारी करने वालों तक ने आवेदन कर नौकरी पाई। अब पंचायत सहायक की नौकरी से मोह भंग हो रहा है और युवा नौकरी से त्याग पत्र दे रहे है। मोतीचक के 70 ग्राम पंचायतों में से अब आठ पंचायत सहायकों ने इस्तीफा दे दिया है और कई नौकरी छोड़ने की कतार में हैं।
इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी मोतीचक अनवारुल सिद्दीकी ने बताया कि नौकरी छोड़ने वाले युवाओं में ऐसे लोग शामिल हैं, जिसमें या तो किसी की दूसरी नौकरी लग गई है या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। मोतीचक के जिन गांवों के पंचायत सहायक ने त्याग पत्र दिया है उसमें बड़हरा लक्ष्मीपुर, भलुही, भूड़ाडीह, महुई, पिपरैचा, पुरैनी, सिरसिया व लक्ष्मीपुर मथौली शामिल है। इसके अलावा सोनबरसा में पंचायत सहायक के लिए जो आवेदन पत्र मिला है उसमें आवेदनकर्ता का उम्र कम है इस लिए यहां भी पंचायत सहायक का पद खाली है, साथ ही बहुआस में अनुसूचित जनजाति का सीट होने के कारण यहां कोई पंचायत सहायक के लिए आवेदनकर्ता तैयार नही है इस लिए यहां भी पद खाली है। इस तरह से मोतीचक के कुल दस गांवों में पंचायत सहायक का पद खाली है।
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