‘पीस एम्बेसडर टू इंडिया’ मार्शाह ने ‘फिल्म इंडिया कम्युनिकेशंस’ की ओर से ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहा कि अब तक देश दुनिया में हिंदी ने क्या इज्जत कमाई, इस पर तो लोग बटे हुए हैं ही, वे इस सवाल पर भी अलग-अलग राय रखते हैं कि इस भाषा में कितनी संभावना है। उन्होंने कहा कि हिंदी को आज हम विश्व का नेतृत्व करने वाली भाषा के रूप में देखते हैं। मार्शाह ने कहा कि आज दुनिया की आबादी के हिसाब से हर छठा व्यक्ति हिंदी बोलने और समझने लगा है। इसने अपने अंक में कई भाषाओं को अपनाया है, इसीलिए यह जन-जन की भाषा कही जाती है। हिंदी को समृद्ध करने में लोक भाषाओं का बहुत बड़ा योगदान है। महात्मा गांधी ने हिंदी को जनसंचार और संवाद की सबसे सशक्त भाषा माना था।
मार्शाह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में इसकी महत्ता खूब दिखी। आज तो यह रोजगार की दृष्टि से भी समृद्ध हो रही है, क्योंकि हिंदी का बाजार व्यापक हुआ है। यही वजह है कि आज हिंदी में बात करने का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हिंदी भारत ही नहीं दुनिया के कई हिस्से में बोली जा रही है 40 से भी अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी में अध्ययन अध्यापन हो रहा है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का संचालन डॉ• शोभना ने किया जिसमें देश – विदेश से जुड़ने वाले सदस्यों में अमेरिका से बिंदु अरोड़ा, कनाडा से मुनीजा शाह, होलैंड से मीना हराड्, जोहांसबर्ग से यासमीन हक्कू, इंडोनेशिया से सरमीनाह शाह, साउथ अफ्रीका कैपटाउन से सुजाने फ्रैंको, इंग्लैंड से प्रवेज, आदि के अतिरिक्त मुंबई से नगमा खान व नंदिनी मौर्य, लखनऊ से फरहाना मालिकी व अतुल अरोरा, दिल्ली से आशु सागर, हरियाणा से प्रतिमा चौहान व सपना सिंघानिया, इंदौर से वर्षा कैलोसिया, गोरखपुर से डॉ• रेखा रानी शर्मा, चंडीगढ़ से हरमन कौर, नागपुर से डॉ कविता परिहार व अंजू शर्मा, मथुरा से रेखा चौधरी, मेरठ से नायाब अली एडवोकेट कानपुर से डॉ संगीता सिरोही व रीना रावत, इलाहाबाद से स्नेहा सिंह, उड़ीसा से मोनाली कोठिया, पुणे से डॉ प्रियंका व नाजी शेख, बनारस से प्रीति जायसवाल, हैदराबाद से विजया मूर्ति तथा आगरा से शिखा सिंह आदि ने भाग लिया।
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