योग में ग्रामीण साधकों का दबदबा: तीनों ट्रॉफी पर गांव का कब्जा   

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  • गांव में प्रतिभाओं का अकूत भंडार, बोले योग गुरु

अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योगाश्रम के महर्षि पतंजलि सभागार में आयोजित जिला स्तरीय योगासन स्पोर्ट्स स्पर्धा में गांव के योगाभ्यासियों का दबदबा रहा। ओवर ऑल चैंपियनशिप ट्रॉफी रामपुर मनिहारान स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के हाथ रही, लेकिन दूसरे स्थान की ट्रॉफी महर्षि दयानंद गुरुकुल उग्रपुर व तीसरे स्थान की ट्रॉफी गुरुकुल दलहेड़ी को मिली।

विजेताओं को पुरस्कार वितरण करते हुए अंतर्राष्ट्रीय योगगुरु स्वामी भारत भूषण ने कहा कि आज की स्पर्धा के नतीजों को देखकर मेरे विश्वास को बल मिला है कि हमारे गांवों की प्रतिभाओं में विकास की अकूत संभावनाएं छिपी हैं। वहां की प्रदूषण मुक्त प्रकृति, सादा खानपान और बनावट से परे सरल सपाट स्वभाव ही प्रतिभा के विकास मे मददगार हो सकता है, हालांकि इंटरनेट, मोबाइल और आधुनिकीकरण ने गांवों को लाभ के साथ साथ वहां की सरलता को नुकसान भी पहुंचाना शुरू करदिया है। उन्होंने कहा कि योगाभ्यासी बच्चों को आगे बढ़ने के लिए साधना में बाधक तत्वों और साधक तत्वों का अच्छे से ज्ञान होना चाहिए! शहर के युवाओं को भी ये विचारना चाहिए कि हम सुविधाओं के उपभोग में उलझ कर ही न रह जाएं बल्कि उनका उपयोग अपने स्तर को ऊंचा उठाने के लिए करें। उन्होंने प्रतियोगियों की खेल भावना और निर्णायकों के विवेक की भी सराहना करते हुए कहा कि सही निर्णय से खिलाडि़यों का उत्साह और विश्वास दोनो बढ़ जाते हैं। विविध आयु वर्गों के पुरुष व महिलाओं के छः वर्गों में संपन्न हुई परंपरागत योगासनों की इस प्रतियोगिता के विस्तृत परिणाम इस प्रकार रहे रू 9 से 14 वर्ष आयुवर्ग पुरुष राघव शर्मा प्रथम, राघव सैनी द्वितीय, यश राणा तृतीय। 14 से 18 वर्ष आयुवर्ग पुरुषरू वैभव रोहिला प्रथम, दक्षेश पंवार द्वितीय, अनंत त्यागी तृतीय। 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग पुरुषरू हर्ष सिंह प्रथम, राहुल आर्य द्वितीय, संदीप आर्य तृतीय।

9 से 14 वर्ष आयुवर्ग महिला रू मिष्टी प्रथम, नव्या चौधरी द्वितीय, पीहू सैनी तृतीय। 14 से 18 वर्ष आयुवर्ग महिला रू नैना प्रथम, भावना द्वितीय, इशिका तृतीय। 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग महिला रू शुभांगी प्रथम, गायत्री द्वितीय, आस्था वर्मा तृतीय! इस अवसर पर सहारनपुर योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नंद किशोर शर्मा व सचिव योगाचार्य नवानीश कांत शर्मा ने सभी प्रतिभागी टीमों के प्रशिक्षकों व कठिन निर्णय को सरल बना देने वाले निर्णायकों के अलावा पूरी स्पर्धा के प्रबंधन में लगे समर्पित सदस्यों पीयूष खेड़ा, सुमन्यु सेठ, पुरु वर्मा, नारायण वर्मा, केशव, विष्ण, अजीत शर्मा, रॉक्सी सिंह व कंचन के प्रति भी आभार जताया। योग के संस्कार का ये प्रभाव था कि राष्ट्रगान के साथ आरंभ हुई प्रतियोगिता वैदिक शांतिपाठ के साथ संपन्न हुई।

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