चौथे इमाम ज़ैनुल आबेदीन की शहादत पर दहकते अंगारों व ज़न्जीरों से देर रात तक होता रहा मातम

0
232

 

 

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज : करबला के बहत्तर लोगों मे शुमार चौथे इमाम ज़ैनुल आबेदीन (इमाम ए सज्जाद)की शहादत को याद करते हुए अक़ीदतमन्दों ने कहीं ज़न्जीरों से पुश्तज़नी कर अपने आप को लहुलुहान कर लिया तो कहीं दहकते हुए अंगारों पर नंगे पाँव चल कर मातम किया।चक ज़ीरोरोड स्थित इमामबाड़ा डिप्युटी ज़ाहिद हुसैन मे यौमे सज्जाद पर अन्जुमन इमामिया चक के नौजवानों ने तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़न्जीरों का मातम कर अपने आप को लहुलूहान कर लिया।पहले फैज़ान आब्दी ने सोज़ व सलाम पढ़ा।शायर नायाब बलयावी ने पेशख्वानी के फराएज़  अन्जाम दिए।मौलाना आमीरुर रिज़वी ने मजलिस को खेताब किया।गुलाब के फूलों से सजा इमाम ए सज्जाद का ताबूत और अलम मुबारक अक़ीदतमन्दों की ज़ियारत को निकाला गया।अन्जुमन शब्बीरिया के नौहाख्वान सिकन्दर भाई ने ग़मगीन नौहा पढ़ा।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहाख्वानों शादाब ज़मन ,अस्करी अब्बास ,शबीह अब्बास ,ज़हीर अब्बास ,ऐजाज़ नक़वी ,कामरान रिज़वी ,अली रज़ा रिज़वी ,अकबर हैदर ,कुमैल ,ज़ीशान ,हैदर ,रज़ा वसीम ,ज़ीशान ,अकबर अब्बास आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा तो हर तरफ से सदाए इमाम ए सज्जाद की गूँज से माहौल ग़मगीन हो गया।नय्यर आब्दी ,करार भाई ,मेंहदी भाई ,ज़फर रिज़वी ,अरशद नक़वी ,सफी नक़वी ,माशू अब्बास ,हसन नक़वी ,अब्बास गुड्डू ,मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन अब्बू ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,आसिफ रिज़वी ,महमूद ,टाईगर ,बाशू भाई ,लख्ते असग़र ,अली रज़ा रिज़वी ,औन ज़ैदी ,जौन ज़ैदी ,ज़ामिन हसन ,अर्श अब्बास आदि शामिल रहे।वहीं दायरा शाह अजमल मे नवाब अब्बन मरहुम के अज़ाखाने पर शहादत ज सज्जाद पर मजलिस का आयोजन हुआ मौलाना अली ऐबाद रिज़वी ने मजलिस को खेताब किया।शबीहे ताबूत भी निकाला गया।रज़ा इसमाईल सफवी की सोज़ख्वानी से मजलिस का आग़ाज़ हुआ अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ने नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार देर रात्रि तहफ्फुज़े अज़ा सोसाईटी की ओर से दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा नवाब बेगम बड़ा घर के बाहर बने विशाल पण्डाल मे बल्लीयों के बीच बने लहद मे दहकते हुए अंगारों पर नंगे पैर चल कर मातम किया गया।बहलोल ए हिन्द आफताबे निज़ामत जनाब नजीब इलाहाबादी के ओजसवी शायराना ग़मगीन अशआरों से माहौल संजीदा हो गया।इमाम ए जुमा सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी की सदारत मे हुए दहकते अंगारों के मातम मे दिल्ली के प्रख्यात मज़हबी रहनुमा मौलाना नज़र मोहम्मद ज़ैनबी ने इमाम ए सज्जाद पर ढाए ज़ुल्म की दास्ताँ बयान की।मजलिस के फौरन बाद आस पास की सभी लाईटों को बुझा कर मोमबत्ती की रौशनी और सुगन्धित लोबान की धूनी के साथ लाल गुलाब के फूलों से सजा ताबूत इमामबाड़ा नवाब बेगम से बरामद हुआ तो हर शख्स बोसा लेने और ज़ियारत को बेताब नज़र आया।जेएनयू के स्कालर अनुराग कुमार खुरासानी ने खुसूसी तक़रीर की।तहफ्फुज़े अज़ा सोसाईटी व मोमनीन की ओर से पहले दहकते अंगारों पर मातम किया गया फिर तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़न्जीरों का मातम किया गया।मशहद अली खाँ ,यासिर सिबतैन आदि देर रात तक चले कार्यक्रम को संचालित करने के प्रयास मे लगे रहे। फैज़याब हैदर व मेराज हैदर की ओर से अज़ाखाना इरतेज़ा हुसैन पर भी मजलिस आयोजित की गई।मौलाना अशरफ अब्बास ने मजलिस को खेताब किया रेयाज़ मिर्ज़ा व शुजा मिर्ज़ा ने मर्सियाख्वानी की और अन्जुमन हुसैनिया क़दीम ने नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here