धर्म की पुर्नस्थापना के लिए हुआ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म: कालेन्द्रानंद

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अवधनामा संवाददाता

सहारनपुर। महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्री कृष्ण छठी महोत्सव के अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा पूर्ण ब्रह्म समस्त सृष्टि को समाहित किए हुए हैं।
राधा विहार स्थित मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित श्री कृष्ण छठी महोत्सव में भगवान श्री कृष्ण लड्डू गोपाल का महास्नान कराया गया और विष्णु सहस्त्रनाम से भगवान का महाभिषेक किया गया। इस अवसर पर सभी भक्तों द्वारा भगवान का महाश्रृंगार कर उनको भोग अर्पण किया गया। श्री कृष्ण महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा का जन्म धर्म की पुनर्स्थापना और पाप के समूल नाश के लिए हुआ था। भगवान श्री कृष्ण का जन्म कारागार में देवकी के यहां पर हुआ, परंतु आकाशवाणी के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को वासुदेव गोकुल में यशोदा के यहां पर छोड़कर योग माया को उठा कर ले आए थे जिसमें नंद बाबा के यहां भव्य नंद उत्सव मनाया गया और 6 दिन के बाद भगवान की छठी महोत्सव मनाया गया। मूलतः छठी की मान्यता अंचल क्षेत्रों में छठी महोत्सव माता मां दुर्गा रूप को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है, जिससे बालकों को कोई कष्ट ना हो और वह दीर्घायु को प्राप्त हो। महाराज श्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है, जिनके छठी महोत्सव में उनके दर्शन हेतु अपना कल्याण करने के लिए ब्रज के 52 गांव के सभी नर नारी एवं देवलोक से सभी देवता आदि शामिल हुए। उन्होंने कहा की जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित भाव से छठी महोत्सव मनाता है भगवान उसके 6 विकार दूर कर उस पर अनन्या कृपा करते है। इस अवसर पर अरुण स्वामी, पंडित ऋषभ शर्मा, पंडित योगेश तिवारी, राजेंद्र धीमान, सागर गुप्ता, अश्विनी कंबोज, अभिषेक शर्मा, अंकुर अग्रवाल, शिवम काम्बोज, बबीता, गीता, कमलेश, ममता, ललितेश, सुचेता, करुणा व पूनम आदि रहे।

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