अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। जहां एक ओर बच्चे आधुनिकता की अंधी दौड़ में मोबाइल फोन में व्यस्त हैं वही जनपद ललितपुर की मानव किड्स क्लब की दस वर्ष की नन्ही सदस्या आराध्या सिंह ग्रीन बम (सीड बॉल) बना रही है जो पर्यावरण में ऑक्सीजन भरने का कार्य करेंगी और धरती मां के आंचल को हरियाली से भर देगी।सीड बॉल की विधि सबसे पहले जापान में विकसित हुई उसके बाद इसे दुनिया के कई देशों ने अपनाया । हमारे यहां हर साल पौधरोपण सरकारी स्तर पर ही होता है लेकिन सीड बॉल घर घर में बच्चो से लेकर बड़े तक स्वयं घर में आने वाले फलों के बीजों को एकत्रित करके बना सकते हैं।आराध्या सिंह आगे बताती है कि रोड साइड के पेड़ों से गिरने वाले बीज एकत्र किए जा सकते हैं। इनमें सहज उपलब्धता वाले नीम, आंवला, जामुन ,हर्रा, बहेरा,इमली,आम, मुनगा मुख्य हैं इन सबको एकत्रित करके हम सीड बॉल बना सकते हैं इस समय मैंने अपनी चचेरी बहिन प्रियांशी के साथ मिलकर एक हजार सीड बॉल तैयार किए है जिन्हे जल्दी ही धरती मां के आंचल में भेज दिया जायेगा ।सीड बॉल को हम मिट्टी और खाद मिलाकर उनमें पेड़ों के बीज डालकर छोटी छोटी बॉल याने गेंद का रूप दे देते है,उसके बाद उन्हें धरती मां के आंचल में फैला देते हैं बाद के सारे काम प्रकृति करेगी। अंकुरण के बाद सुरक्षित करने का काम अवश्य करें ताकि इनकी वृद्धि को बल मिल सके।
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