लखनऊ आज की दुनिया में, दूरसंचार सेवाएँ समाज के लिए सर्वोपरि है। हमारे समाज को सुरक्षित रखने के लिए लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां, आपराधिक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दूरसंचार नेटवर्क में उपलब्ध सूचनाओं पर निर्भर करती हैं। 5जी सेवाओं के लॉन्च के साथ सुरक्षा संबंधी पहलू और भी अधिक जटिल और विविध होंगे, जिस कारण जानकारी और उपकरणों का निरंतर उन्नयन देश की लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के लिए अत्यंत आवश्यक हो जाते हैं।
इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश (पूर्व) Licensed Service Area(LSA), लखनऊ, दूरसंचार विभाग 22 और 23 अगस्त 2022 को होटल सेंट्रम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सुरक्षा संबंधी मामलों पर दो नियोजित कार्यशालाओं में से पहली का आयोजन करेगा। दूसरी कार्यशाला 15 और 16 सितंबर, 2022 को बंगलौर में प्रस्तावित है।
लखनऊ में होने वाली कार्यशाला में दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय, केंद्रीय लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों और उत्तर और पूर्वी क्षेत्र के राज्य लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 18 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं जम्मू-कश्मीर शामिल हैं । इसके अलावा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स(TSPs), सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISPAI) के प्रतिनिधि भी कार्यशाला में भाग लेंगे। केंद्रीय लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों में सीoबीoआई, आईoबीo, एनoआईoए, डीoआरoआई, कैबिनेट सचिवालय और रक्षा मंत्रालय शामिल हैं। राज्य लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों में राज्य पुलिस शामिल है।
कार्यशाला का उद्घाटन दूरसंचार सचिव द्वारा वीडियो लिंक के माध्यम से किया जाएगा। डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (सेवा) और सदस्य (प्रौद्योगिकी) और दूरसंचार महानिदेशक भी प्रमुख वक्ता होंगे जो कि सुरक्षा से संबंधित मामलों में दूरसंचार विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहल के बारे में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय, एनoटीoआईoपीoआरoआईoटीo, सी-डॉट, और टीएसपी/आईएसपी/सीओएआई के विशेषज्ञ भी सुरक्षा संबंधी मामलों पर महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
कार्यशाला का उद्देश्य लॉफुल इंटरसेप्शन और मॉनीटरिंग के लिए कानूनी प्रावधान, सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम/ इंटरनेट मॉनिटरिंग सिस्टम प्रोजेक्ट, साइबर अपराध के खतरों को रोकने के तरीके, दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित उपकरण जैसे कि ASTR और TAF-COP, जो नकली दस्तावेज़ पर सक्रिय मोबाइल नंबरों की पहचान करने के लिए बिग डेटा एनालिसिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हैं, IMEI की पहचान एवं अवरुद्ध करना, चोरी हुए मोबाइल या क्लोन किए गए IMEI मोबाइल हैंडसेट से संबंधित विषयों पर जानकारी एवं केंद्र और राज्य लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां आदि द्वारा उनका अनुभव साझा करना है। सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम परियोजना स्वचालित लॉफुल इंटरसेप्शन और मॉनीटरिंग प्रक्रिया को लागू करने के लिए है। इंटरनेट मॉनिटरिंग सिस्टम लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा इंटरनेट के वैध अवरोधन और निगरानी के लिए है।
कार्यशाला का उद्देश्य दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय, लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों, टीएसपी, सी-डॉट जैसे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के बीच पारस्परिक विचार विमर्श और बेहतर समन्वय के लिए एक मंच प्रदान करना भी है।