मेंहदी का निकला जुलूस अलम के जुलूस में उमड़ा जन सैलाब 

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अवधनामा संवाददाता

यतीमों  के साथ सफकत करने वाले को खुदा अपनी रहमत से नवाज देता है -मौलाना हिलाल
रूहानी शिफा खाने को अज़ाख़ाना कहते है -मौलाना रज़ा 
नबी व इमाम बनाने का अख्तियार सिर्फ परवरदिगार को है किसी और को नहीं – आली जनाब मौ० मुजतबा
सिले रहम से उम्र में इजाफा होता है अपने रिश्तेदारों से तालुकात खराब न  करो सलाम जरूर करो
बाराबंकी । मारेफते अहलेबैत के बगैर मारेफत ए परवरदिगार मुमकिन नहीं । यतीमों  के साथ सफकत करने वाले को खुदा अपनी रहमत से नवाज देता है यह बात बाराबंकी में अशरे की सातवीं मजलिस को खिताब करते हुए आली जनाब मौलाना हिलाल अब्बास साहब ने कही । मजलिस से पहले हाजी सरवर अली करबलाई ने नजरानए अकीदत पेश किए। मौलाना ने करबला वालों के मसायब पढ़े जिसे सुनकर अजादार रो पड़े। बानिये मजलिस मुतवल्ली सरवर अली रिजवी ने सभी का शुक्रिया अदा किया । मजलिस का आगाज तिलावत से हुआ । सुबह साढे सात बजे मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मजलिस को मौलाना अली अब्बास खान साहब ने खिताब किया । इमाम बाड़ा मीर मासूम अली कटरा मे असरे की सातवीं मजलिस को आली जनाब मौलाना जाबिर जौरासी साहब ने खिताब करते हुए कहा कि इत्तेबा ए अमीरल मोमनीन मोमिन की मेराज है। ऐसा किरदार अपनाओ हर तरह से पैरोकार ए अली नजर आओ ।मजलिस का आगाज तिलावत ए कलाम ए पाक से हुआ।आखिर मे मौलाना ने मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े ।आगा फय्याज मियांजानी के अजाखाने की सातवीं मजलिस को मौलाना फैजान मेहदी जैदपुरी ने खिताब करते हुए कहा कि करबला में हुसैन अ ने कुरबानी पेश कर इंसानियत को जिन्दगी बक्शी । दीन पाने के बाद अगर बचाया नहीं तो शिम्र जैसा किरदार हो जायेगा। बगैर तकवे का इल्म इंसानी तबाही का जरीया होता है । जो हक और बातिल में फर्क नहीं जानते मौला ए कायनात की नजर में मुर्दा हैं। डा0 मुहिब रिजवी और हाजी सरवर अली करबलाई ने नजरानए अकीदत पेश किए। वही रसूलपुर मे मोहसिन साहब के अजाखाने की मजलिस को आली जनाब मौलाना तसनीम हैदर साहब ने खिताब किया । करबला सिविल लाइन और रिफाकत रिजवी के अजाखाने मे मौलाना मो0 मुजतबा ‘‘ मीसम ‘‘ साहब ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि बक्शिश की तमन्ना हो तो अहलेबैत की मारेफत हासिल करो। फर्शे अजा खुदा से मिलाने का बेहतरीन जरीया है। बन्दा जिन नेमतो का शुक्रिया अदा करता है खुदा उसमे बरकत अता कर देता है । डा 0 रजा मौरानवी, हाजी सरवर अली करबलाई ने नजरानए अकीदत पेश किए। इमाम बाड़ा जनाबे जैनब बेगमगंज में मजलिस को दानिश रिजवी ने खिताब किया । मजलिस का ये सिलसिला बेगमगंज के बाद डाक्टर असद (मरहूम अतहर एडवोकेट)के अजाखाने में जहां मजलिस को मौलाना रजा जैदपुरी ने खिताब करते हुए कहा बगैर करबला इस्लाम समझना मुमकिन नहीं ।इंसानियत को बचाने वाले को हुसैन कहते है।मजलिस का ये सिलसिला हैदर हाउस , कम्पनी बाग , लाइन पुरवा, रफी नगर, अस्करी नगर,बेलहरा हाउस , तकिया व पीर बटावन मे देर रात तमाम हुआ।मेंहदी का निकला जुलूस अलम के जुलूस में उमड़ा जन सैलाब ।
फ़ोटो न 3,4
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